रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसियों की सक्रियता देखने को मिली है। रविवार सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी की। इस कार्रवाई को महादेव सट्टा ऐप घोटाले से जोड़कर देखा जा रहा है।
इन जगहों पर हुई छापेमारी:
CBI की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित निवास के साथ-साथ उनके करीबी नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर भी दबिश दी। छापेमारी में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के सेक्टर-5 स्थित आवास, पूर्व मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा, पूर्व IAS अनिल टूटेजा, IPS आरिफ शेख, IPS आनंद छाबड़ा, ASP संजय ध्रुव और ASP अभिषेक माहेश्वरी के घर भी शामिल हैं।
ED की रेड के बाद CBI की दबिश:
गौरतलब है कि 10 मार्च 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी की थी। अब महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच के तहत CBI की यह बड़ी कार्रवाई हुई है।
क्या है महादेव सट्टा ऐप घोटाला?
महादेव सट्टा ऐप को लेकर राज्य में कुल 70 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि इस ऐप के जरिए अवैध सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क संचालित किया जा रहा था। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया राजनीतिक षड्यंत्र:
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस को रोकने की साजिश है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली AICC बैठक से पहले इस तरह की कार्रवाई करना दुर्भावनापूर्ण है।”
बढ़ सकती है सियासी हलचल:
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में इस छापेमारी को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने की पूरी संभावना है। कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई होना जरूरी है।