छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का सख्त आदेश, प्रदेश भर के मूतवलीयों को भेजा गया निर्देश
रायपुर।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने एक अहम फैसला लेते हुए प्रदेशभर के मौलवियों, हाफिजों और ईमामों को निकाह पढ़ाने के लिए अधिकतम मेहनताना तय कर दिया है। अब वे निकाह के एवज में 11 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक ही ले सकेंगे। इससे अधिक राशि लेना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
वक्फ बोर्ड ने यह आदेश राज्य के सभी वक्फ संपत्तियों के प्रबंधकों (मूतवलीयों) को जारी कर दिया है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं। यह आदेश प्रदेशभर की मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में लागू होगा।
फैसले का उद्देश्य
बोर्ड के अनुसार, इस कदम का मकसद धार्मिक अनुष्ठानों में हो रही अनियमितताओं और बढ़ती आर्थिक मांगों पर नियंत्रण करना है। खासकर उन परिवारों को राहत देना जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और धार्मिक रीति-रिवाज निभाने में कठिनाई महसूस करते हैं।
शिकायतों के बाद आई सख्ती
सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड को कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि कुछ मौलवी और इमाम निकाह पढ़ाने के नाम पर हजारों रुपए की मांग कर रहे हैं। इसी के बाद बोर्ड ने यह सख्त कदम उठाया है।
उल्लंघन पर कार्रवाई
वक्फ बोर्ड ने चेतावनी दी है कि यदि कोई मौलवी, हाफिज या ईमाम इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर वक्फ अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है।
यह आदेश सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो आमजनों की धार्मिक आस्था और आर्थिक स्थिति दोनों का ध्यान रखता है।