नक्सल प्रभावित जिलों में भी अब सुलभ हो रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
रायपुर, 29 जून 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर तेजी से बदल रही है। राज्य सरकार की जनकेंद्रित सोच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और मितानिनों के समर्पण के कारण अब नक्सल प्रभावित जिलों—कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा—में भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं आम लोगों की पहुंच में हैं।
राष्ट्रीय कार्यक्रमों से बस्तर को नई दिशा
स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS), राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान और मलेरिया मुक्त अभियान ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच बस्तर संभाग की 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को गुणवत्ता प्रमाणपत्र मिला है, जिनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 14 संस्थाओं को यह सर्टिफिकेशन प्राप्त होना बड़ी उपलब्धि है।
आयुष्मान भारत योजना में तेज़ प्रगति
बस्तर में नियद नेल्लानार योजना के तहत 36,231 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जो लक्ष्य का 52.6% है। इससे 6,816 लोगों को लगभग 8.22 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हुई हैं।
चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति से व्यवस्था सुदृढ़
बीते 18 महीनों में संभाग में 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर, 1 डेंटल सर्जन, तथा राज्य और जिला स्तर पर 382 अन्य पदों पर नियुक्तियां की गईं। साथ ही 291 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिससे स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों की उपलब्धता और सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री का संदेश
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। बस्तर में हमारे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।”
बदलाव की ओर बढ़ता बस्तर
आज बस्तर की स्वास्थ्य सेवाएं केवल संख्या नहीं, बल्कि गुणवत्ता और पहुंच में भी मिसाल बन रही हैं। यह बदलाव साबित करता है कि इच्छाशक्ति, योजनाबद्ध प्रयास और जनभागीदारी से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी क्रांति संभव है।
