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छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक: युवाओं, वंचित वर्गों, शहरी विकास और प्रशासनिक सुधारों पर लिए गए 12 अहम फैसले

रायपुर, 11 जुलाई 2025
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए 12 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ये फैसले राज्य पुलिस सेवा, आदिवासी एवं वंचित वर्गों के सशक्तिकरण, शहरी नियोजन, छात्रों के स्टार्टअप, भूमि व्यवस्था सुधार सहित कई क्षेत्रों को गति देने वाले हैं।

पुलिस अधिकारियों को मिला पदोन्नति वेतनमान
बैठक में राज्य पुलिस सेवा के 2005, 2006, 2007, 2008 एवं 2009 बैच के अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 30 सांख्येतर पदों का सृजन कर स्वीकृति दी गई है, जिससे अधिकारियों की पदोन्नति और प्रशासनिक संचालन में पारदर्शिता आएगी।

PanIIT के साथ मिलकर वंचित वर्गों को संबल
राज्य सरकार और पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन के बीच एक गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने को मंजूरी दी गई। यह संस्था आदिवासी, महिलाएं और ट्रांसजेंडर समुदाय के युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा, स्किल ट्रेनिंग और विदेशी भाषा के जरिए रोजगार के लिए तैयार करेगी। प्रशिक्षण हेतु सरकारी भवन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

पुराने वाहनों के लिए नई व्यवस्था
कैबिनेट ने मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 और मोटरयान नियम-1994 में संशोधन को मंजूरी दी। अब वाहन मालिक अपने पुराने फैंसी नंबर को शुल्क देकर नए वाहन या अन्य राज्य से लाए गए वाहन में स्थानांतरित कर सकते हैं। यह सुविधा सरकारी वाहनों को निशुल्क मिलेगी।

छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति लागू
राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार के लिए प्रेरित करने हेतु ‘छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति’ को मंजूरी दी गई। इसका लक्ष्य 100 तकनीकी संस्थानों के 50,000 छात्रों तक पहुंच बनाना है। नीति के तहत 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेशन सपोर्ट, 500 पेटेंट फाइल और 500 प्रोटोटाइप्स को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।

राजधानी क्षेत्र के लिए बनेगा विशेष प्राधिकरण
रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में तेजी से हो रहे शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए ‘छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण’ के गठन हेतु विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई। यह प्राधिकरण 2031 तक अनुमानित 50 लाख की आबादी के लिए नियोजन, निवेश, भूमि उपयोग और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में समन्वय करेगा।

भू-राजस्व संहिता में बड़ा संशोधन प्रस्तावित
कैबिनेट ने ‘छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025’ को स्वीकृति दी। इसके तहत अवैध प्लाटिंग पर रोक, नक्शा बंटवारे में सरलता, नामांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और जियो-रेफरेंस आधारित दस्तावेजों को कानूनी आधार मिलेगा।

अन्य प्रमुख फैसले

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप को स्वीकृति मिली।

निजी विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 को कैबिनेट की मंजूरी मिली।

छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 के जरिए केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुरूप बदलाव किए जाएंगे।

बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान विधेयक 2025 के माध्यम से न्यायालयों में लंबित कर मामलों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम 2004 में संशोधन विधेयक को स्वीकृति दी गई।

कैबिनेट द्वारा लिए गए यह फैसले राज्य की प्रशासनिक संरचना को मजबूत करने, युवाओं को रोजगारपरक अवसर देने, वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने और शहरी क्षेत्रों के योजनाबद्ध विकास को गति देने की दिशा में एक ठोस कदम माने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार की प्राथमिकता “समावेशी विकास और सुशासन” है, और यह निर्णय उसी दिशा में उठाया गया कदम है।

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