रायपुर।
‘लाईफ वार्सिटी’ और ‘पाज़िटिव हेल्थ ज़ोन’ के संयुक्त प्रयास से श्री गणेश विनायक हॉस्पिटल के सभागार में हरेली डीटॉक्स उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली पर्व को चिकित्सा, योग और सामूहिक चेतना के दृष्टिकोण से एक नई पहचान दी।
कार्यक्रम की शुरुआत नीम जल छिड़काव और चंदन अभिषेक से हुई। इसके बाद योग-प्राणायाम, गुड़-तुलसी डीटॉक्स ड्रिंक, ऋतु विशेष नैचुरोपैथिक भोजन, और लोक संगीत के माध्यम से पूरे दिन को ‘प्राकृतिक चिकित्सा उत्सव’ में बदला गया।
योग आयोग अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा ने कहा कि – “हरेली केवल त्योहार नहीं, यह प्रकृति और शरीर के बीच मौन संवाद है।”
डॉ. अनिल गुप्ता ने गेड़ी चढ़ने को “न्यूरोलॉजिकल सिस्टम की टेस्टिंग” बताते हुए कहा कि हमारी पारंपरिक गतिविधियां आधुनिक ब्रेन ट्रेनिंग से कहीं आगे हैं। यह ‘एंबॉडीड इंटेलिजेंस’ का जीवंत उदाहरण है।
लोकचिंतक उदय भान सिंह चौहान ने हरेली को “लोक-आयुर्वेद की जीवित प्रयोगशाला” बताया। उन्होंने कहा – “जब मौसम की नमी बढ़ती है, तब शरीर को शुद्धता, मन को स्थिरता और समाज को सामूहिक एकता की आवश्यकता होती है — और हरेली ये सब चुपचाप करती है।”
कार्यक्रम में बच्चियों के गीत, चम्मच दौड़, कुर्सी दौड़ और भजन संध्या ने लोक आनंद में भरपूर रंग घोल दिए।
