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चार्जशीट में भूपेश बघेल के बेटे का नाम, शराब घोटाले पर सियासत तेज, कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने


रायपुर।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2500 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब सिंडिकेट का सरगना बताया गया है।
ईडी का दावा है कि चैतन्य ने इस घोटाले से मिले लगभग 1000 करोड़ रुपए का खुद प्रबंधन किया। चार्जशीट के पेज नंबर 44 में BIG BOSS नामक व्हाट्सऐप ग्रुप का उल्लेख है, जिसमें चैतन्य बघेल का नाम बिट्टू के नाम से दर्ज है। इस ग्रुप में अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया और पुष्पक समेत कई बड़े नाम जुड़े थे। आरोप है कि इसी ग्रुप से पूरे शराब सिंडिकेट को संचालित किया जाता था।


ईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि मोबाइल चैट्स से पैसों की डीलिंग, नकली होलोग्राम बनाने और ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सफेद दिखाने की चर्चाएं सामने आईं। इसी मामले में ईडी ने 18 जुलाई को दुर्ग से चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था।


कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
इस पूरे मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है। पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का कहना है—
“जहां बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां ईडी का इस्तेमाल विपक्ष को डराने और बदनाम करने के लिए किया जाता है। बघेल परिवार को फंसाने की कोशिश हो रही है।”
वहीं बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा—
“पिता के किए कर्मों का खामियाजा बेटे को भुगतना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घोटाले हुए और अब परत-दर-परत सच्चाई सामने आ रही है।”


आगे और बड़े नाम आने के संकेत
ईडी का कहना है कि शराब घोटाले में अभी और भी कई बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो सकती है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे जेल से डरते नहीं हैं।


राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि सत्ता से बेदखल होते ही कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटालों का खुलासा तेजी से हो रहा है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।

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