रायपुर।
छत्तीसगढ़ की चर्चित महतारी वंदन योजना अब सियासी बवंडर में आ गई है। सरकार ने 21वीं किश्त जारी करने के बाद ई-केवाईसी सत्यापन अभियान शुरू किया है। सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया से फर्जी और अपात्र लाभार्थियों को बाहर किया जाएगा, ताकि योजना का लाभ वास्तविक पात्र महिलाओं तक पहुंचे। वहीं विपक्ष ने इसे महिलाओं के साथ ‘राजनीतिक ठगी’ करार दिया है।
राज्य की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना महतारी वंदन के तहत इस माह 69 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में 647.28 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें 7,658 महिलाएं बस्तर के माओवाद मुक्त गांवों की हैं, जिन्हें पहली बार लाभ मिला है। अब तक इस योजना के तहत 13,671 करोड़ रुपये से अधिक की राशि महिलाओं तक पहुंचाई जा चुकी है। सरकार का कहना है कि ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है और इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन और अटल डिजिटल केंद्रों में सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर सियासत चरम पर है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा —
“ई-केवाईसी के नाम पर लाखों महिलाओं को योजना से बाहर किया जा रहा है। बीजेपी सरकार वोट लेने तक ही काम करती है। अब जब महिलाओं के अधिकारों की बात आई तो उन्हें सूची से काटा जा रहा है। रमन सिंह के दौर में राशन कार्ड काटे गए थे, अब महिलाओं के खाते बंद किए जा रहे हैं।”
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार महिलाओं को सशक्त करने के बजाय उनके साथ छल कर रही है।
वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा किया है।
बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा —
“प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। हर महीने 650 करोड़ रुपये उनके खातों में जमा किए जा रहे हैं। यह योजना महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।”
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर करारा वार करते हुए कहा —
“कांग्रेस ने महिलाओं से जो वादा किया था, उसे निभा नहीं पाई। उन्होंने कहा था कि महिलाओं को 500 रुपये प्रति माह देंगे, लेकिन पांच साल में एक रुपया नहीं दिया। अब जब हमारी सरकार महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहयोग दे रही है, तो उन्हें तकलीफ हो रही है। पारदर्शिता हमारी नीति है, और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं।”
सरकार का तर्क है कि ई-केवाईसी और बायोमेट्रिक सत्यापन से भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थियों पर अंकुश लगेगा। लेकिन विपक्ष इस अभियान को महिलाओं के प्रति अन्याय बता रहा है।
अब बड़ा सवाल यही है —
क्या महतारी वंदन योजना वास्तव में महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल बनेगी,
या फिर यह छत्तीसगढ़ की राजनीति का नया रणक्षेत्र साबित होगी?
