कोरिया / संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक यूनियन का भव्य क्षेत्रीय अधिवेशन चरचा कालरी के साकेत सदन भवन में मुख्य अतिथि कामरेड हरिद्वार सिंह केंद्रीय महामंत्री एसईसीएल व विशिष्ट अतिथि कामरेड अजय विश्वकर्मा केंद्रीय अध्यक्ष एसईसीएल की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।
अधिवेशन में सी .के तायडे क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र कामरेड रविंद्र नारायण यादव क्षेत्रीय अध्यक्ष भट्टगांव क्षेत्र ,कामरेड उमेश सिंह कार्यवाहक अध्यक्ष, कामरेड पंकज गर्ग अध्यक्ष बिश्रामपुर क्षेत्र कामरेड पंकज गर्ग, कामरेड महेश यादव क्षेत्रीय अध्यक्ष बैकुंठपुर क्षेत्र ,इंद्रजीत पाल ,एम .एच. खान, कांग्रेश पोलाई ,रियाज अहमद ,जागृत कुर्रे ,तपेश्वर प्रधान, कौशिक दत्ता ,श्यामलाल कोरी ,ए के भगत, हाफिज अंसारी, सरवन कुमार, जीआर पासवान सहित सैकड़ों की संख्या में एटक यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अधिवेशन में कामरेड हरिद्वार सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष उन्नीस सौ 20 में एटक यूनियन का गठन हुआ जिसके 100 साल पूरे हो गए हैं, एटक यूनियन ने 1923 में कंपनसेशन एक को बनवाया। 1926 में ट्रेड यूनियन बनाने का कानून पास कराया। 1936 में वेतन अधिनियम बनाया 1947 में औद्योगिक विवाद अधिनियम देश में लागू करवाया वर्ष 1948 में मिनिमम वेजेस एक्ट प्रभावी करने में एटक यूनियन का विशेष योगदान रहा। इसके पश्चात पूंजी पतियों के दबाव में तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने 1948 में इंटक यूनियन का गठन किया वर्ष 1958 में समाजवादियों ने एचएमएस यूनियन का गठन किया। 1968 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय मजदूर संघ का गठन किया। इस देश में मजदूर आंदोलन का बिखराव राजनीतिक कारणों से हुआ। एक ही ऐसी यूनियन है जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी मजदूर आंदोलन की जननी एटक यूनियन ही है। एटक की पहचान उसके संघर्ष है एटक यूनियन मजदूर हित के लिए निरंतर संघर्षरत है। देश की केंद्र सरकार श्रम कानूनों को छिन्न-भिन्न कर रही है सरकार उद्योगों को बर्बाद कर रही है। मजदूरों की छंटनी कर रही है देश हित में सारे मजदूर संगठनों को मिलकर लड़ना होगा। वह देश की अर्थव्यवस्था की रक्षा करनी होगी एटक यूनियन केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करती है। देश में लगातार मजदूर वर्ग पर हमला किया जा रहा है उद्योग बंद हो रहे हैं पब्लिक सेक्टर को बर्बाद किया जा रहा है।
सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि अजय विश्वकर्मा ने भव्य सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियां किसान व मजदूर विरोधी है। श्रम कानूनों में लगातार हमला किया जा रहा है।
संबोधन के पश्चात कामरेड एस .एन. विश्वकर्मा क्षेत्रीय सचिव ने अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसे उपस्थित एटक यूनियन के कार्यकर्ताओं के द्वारा सर्वसम्मति से पास किया गया।