
गरियाबंद। छत्तीसगढ़-उड़ीसा बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। कुल्हाड़ी घाट के भालू डिग्गी पहाड़ क्षेत्र में तीन दिनों तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल जंगल से लौट आए हैं। इस अभियान में अब तक 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।
सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच 80 घंटे से लगातार मुठभेड़ चल रही थी। बुधवार को अभियान के आखिरी चरण में दो और नक्सली मारे गए, जिससे बरामद शवों की कुल संख्या 16 हो गई। फोर्स के लिए यह ऑपरेशन न केवल चुनौतीपूर्ण बल्कि ऐतिहासिक भी रहा।
सबसे बड़ी सफलता
इस ऑपरेशन को गरियाबंद के इतिहास का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है। सुरक्षा बलों ने बताया कि यह मुठभेड़ रणनीतिक रूप से बेहद अहम थी। इस सफलता के बाद फोर्स के जवानों ने सुरक्षित वापसी की, और उनके चेहरों पर जीत की खुशी साफ देखी जा सकती थी।
सुरक्षा बलों का बयान
फोर्स ने इस ऑपरेशन को बेहद चुनौतीपूर्ण बताया। जवानों ने दुर्गम पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों से लोहा लिया और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया। ऑपरेशन के दौरान फोर्स ने क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के अपने संकल्प को दोहराया।
क्षेत्र में शांति का संदेश
यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षा बलों की सफलता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस सफलता पर खुशी व्यक्त की है।
ग्रामीणों में विश्वास जगा
इस अभियान के बाद स्थानीय ग्रामीणों में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास और बढ़ा है। सुरक्षा बल अब क्षेत्र में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में और मजबूती से काम करने का संकल्प ले रहे हैं।