Advertisement Carousel

सिखों के पहले गुरु गुरूनानक देव जी का जन्मोत्सव आज

सिखों के पहले गुरु गुरूनानक देव जी का जन्मोत्सव आज मनाया जाएगा। गुरु पर्व को गुरु नानक जयंती या गुरु नानक प्रकाशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर देश के सभी गुरुद्वारे सज कर तैयार हो गए है। गुरुपर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन कीर्तन किया जाएगा।

हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानकदेव जी की जयंती बड़ी धूम-धाम से मनाया जाती है। नानकदेवजी की जयंती को प्रकाश पर्व यानी रोशनी का त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किए जाते हैं। जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। पूरा दिन गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजते है और रात में आतिशबाज़ी की जाती है। इस मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का नज़ारा देखते ही बनता है।

गुरु परब की पूर्व संध्या पर अमृतसर ‘नगर कीर्तन’ का जुलूस निकला जिसे देखने के लिए, बडी संख्या में लोग पहुंचे। नगर कीर्तन के लिए सिखों के धार्मिक ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजे विशेष वाहन में स्वर्ण मंदिर से बाहर निकाला जाता है।

इस मौके पर देश के सारे गुरुद्वारे सज कर तैयार हो गए है। गुरुपर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन कीर्तन किया जाएगा। गुरु नानक जी का जन्म 547 साल पहले 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी में हुआ, जिसे अब ननकाना साहिब नाम से जाना जाता है। इस समय ननकाना साहिब पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में है।

गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु – सभी के गुण समेटे हुए थे। बचपन से ही चमत्कारी थे और उनके चर्चे दूर दूर तक फैले हुए थे। श्री गुरु नानक देव अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने का प्रयास किया। आज भी बदलते वक़्त में उनकी सीख प्रासंगिक है।

error: Content is protected !!