कोरिया / एनएच 43 की सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जिस बर्बरता से सूरजपुर शहर की मुख्य मार्ग के दोनो ओर की दुकानो की तोड़-फोड़ हुई है वह किसी भयावहता से कम नही है।
जिसके बाद बैकुन्ठपुर शहर के भी सूरजपुर की तर्ज पर दुर्गति तय मानी जा रही थी। इसके पीछे दो कारण भी बताए जा रहे थे। पहला यह कि एनएच 43 बैकुन्ठपुर शहर के हृदय स्थल घड़ी चौक से हो कर गुजरा है। दूसरी वजह यह बताई जा रही थी कि शहर में कोई बाय पास या रिंग रोड नही बनी है। जिसके बाद यहां के व्यापारियों के दिलो की धड़कन बढ़ी हुई थी। लेकिन एनएच कार्यालय से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार बैकुन्ठपुर शहर में छिंदडांड से भाड़ी तिराहा तक 8 किमी 4.05 करोड़ रूपए की लागत से डामरीकरण का कार्य कराया जाएगा। शहर में न तो रोड चौड़ीकरण होगी, न किनारे नाली बनेगी और न ही डिवाईडर लगाने का कोई प्रस्ताव है।
यह खबर निष्चित तौर ही शहरवासियों के लिए राहत भरी हो सकती है जो सूरजपुर की हालत देखकर सहमे हुए थे। वैसे भी मुख्य मार्ग का अधिकांश भाग नजूल की जमीन पर बसा हुआ है। ऐसे में सड़क चौड़ीकरण होने की दशा में शहर के अधिकतर लोगो को तो मुआवजा भी नही मिलता। जिससे उनके सामने काफी कठिन स्थिति उत्पन्न हो जाती।
234 करोड़ की लागत से होगा चौड़ीकरण –
एनएच 43 के चौड़ी करण का कार्य कोरिया जिले के मप्र सीमा रामनगर से सूरजपुर की सीमा गोबरी नाला तक लगभग 143 किमी किया जाएगा। इसका कार्य आंधप्रदेश की एनएसपीआर प्रायवेट लिमिटेड हैदराबाद को मिला है। जिसके बीच में लगभग 3 पुल व दर्जनो पुलिया बनी हुई है। राजस्व विभाग से अनुमित मिलने के बाद निर्माण कंपनी द्वारा पेड़ो की कटाई का कार्य आरंभ कर दिया गया है। अभी वन विभाग की अनुमति मिलना शेष है। इसके अलावा मुआवजा वितरण का कार्य भी लंबित है। जिससे पहाड़ व जगंल कटिंग का कार्य अभी तक आरंभ नही हो पाया है। यही वजह है कि इस चौड़ीकरण के कार्य में लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
खरवत से जमगहना तक बनेगा बायपास –
एनएच 43 का बायपास बैकुन्ठपुर के लिए खरवत में स्व ़ नथुनी के घर से जमगहना हो कर 8 किमी निकाला जाएगा। जिसमें स्व ़नथुनी व उसके आसपास के घरो का तोड़ा जाएगा। अभी जहां पर तेंदूपत्ता सुखाया जाता है व मीट मार्केट लगता है वहीं से बायपास निकाला जाएगा। बाय पास से शहर में यातायात का दबाव कम हो जाएगा। यह बायपास एनएच चौड़ीकरण के कार्य में ही शामिल है। इसके लिए अलग से राषि नही दी जाएगी।
वर्तमान व पूर्व मंत्री की वजह से टूटने से बचेगा शहर –
लगभग 11 वर्ष पहले छग सरकार के पूर्व वित्त मंत्री डां रामचंद्र सिंहदेव ने छिंदछांड से जमगहना तक बाय पास रोड स्वीकृत करा ली थी। लेकिन कुछ तकनीकी कारणो से बायपास नही बन पाया। लेकिन उसके बाद छग सरकार के श्रम व खेल मंत्री तथा वर्तमान विधायक भईयालाल राजवाड़े ने बायपास को एनएच में शामिल करा कर उसे खरवत से जमगहना कराने की स्वीकृति दिलायी। जिसके बाद शहर में अब किसी प्रकार के चौड़ीकरण के लिए कोई तोड़-फोड़ नही की जाएगी।