रायपुर / जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी ने आदिवासियों (32%), दलितों (13%) और अन्य पिछड़ा वर्गों (27%) को कुल 72% आरक्षण देने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा की अब धान के उत्पादन और शराब की खपत के साथ छत्तीसगढ़ आरक्षण में भी भारत का नम्बर 1 राज्य बन गया है।
इस सम्बंध में हम राज्य सरकार का ध्यान तीन बातों की ओर आकर्षित करना चाहते हैं:-
1. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जो 27% आरक्षण का प्रावधान रखा गया है, उसमें:
1. कम से कम 14% अति पिछड़ा वर्ग (मोस्ट बैक्वर्ड क्लैसेज़) जैसे यादव, केवट, मरार, धोबी, सेन (नाई), देवांगन, कलार इत्यादि के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए ताकि इसका लाभ कुछ वर्गों तक सीमित न रहके सबको मिल सके।
2. इसमें ‘क्रीमि लेअर’ (आर्थिक रूप से विकसित जैसे इंकम टैक्स पेई) को सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए।
2. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के परिपेक्ष में 50% की सीमा पार करने से राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में नई आरक्षण नीति को लागू करने हेतु किसी भी अध्यादेश या विधेयक को वैधानिक रूप से न्यायालय में चुनौती देने की स्थिति में सरकार उसका पूरी क़ानूनी तैयारी के साथ उसका सामना करेगी। अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो इस धारणा को बल मिलेगा कि मुख्यमंत्री ने केवल राजनीतिक तुष्टिकरण के उद्देश से उपरोक्त घोषणा करी है किंतु उसे धरातल पर लागू करने हेतु बिल्कुल गम्भीर नहीं हैं।
3. सामान्य वर्ग के ग़रीबों को भी केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए 10% आरक्षण का लाभ देना चाहिए।