00 विधानसभा अध्यक्ष और सांसद के लिए जगह नही लेकिन जुआरियों को आसानी से मिल रहा कमरा
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित लोक निर्माण विभाग का विश्राम भवन इन दिनों जुआरियों का अड्डा बन गया है। यहां प्रदेश में सत्ताधारी दल से जुड़े लोग स्टाफ को अपना धौस दिखाकर जुएँ का फड़ संचालित कर रहे हैं। आये दिन यहां जुआरियों की महफ़िल सज रही है। लेकिन जुआरियों पर किसी तरह की कार्यवाही नही हो पा रही है, या कहा जाए कि सत्ता के दबाव मे पुलिस प्रशासन ने जुआरियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।
बता दे कि विश्राम भवन बैकुंठपुर में संचालित हो रहे जूआ फड़ के बारे में बतलाया जाता है कि इसका संचालन सत्ताधारी कांग्रेस से जुड़े कुछेक प्रमुख लोगो द्वारा किया जा रहा था। आये दिन मौके का फायदा उठाकर कर्मचारियों को डरा धमकाकर यहां लाखो के दांव लग रहे है। फड़ संचालको द्वारा विश्राम भवन पहुचकर कर्मचारियों पर दबावपूर्वक कमरा खुलवाया जाता है जिसके बाद यहाँ जुआरियों की महफ़िल सजती है। यह बताया जाता है कि जुआरियों द्वारा विश्राम भवन कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है कमरा में बकायदे उनसे चाय पानी की सेवा ली जाती है और मना करने पर नॉकरी से बेदखल कराने तक कि धमकी दी जाती है। यह अलग बात है कि यहां के छोटे कर्मचारी भयवश इस बात का जिक्र किसी से न करने में ही अपनी भलाई समझते हैं लेकिन इससे जुआरियों के हौसले बुलंद है।
सूत्रों ने बताया कि आज शनिवार लगातार 5वें दिन भी यहां जुआरियों की महफ़िल सजी थी जिसकी सूचना किसी ने कोतवाली पुलिस को दे दी। लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुँच पाती इसकी भनक लगते ही जुआरी वहां से भाग खड़े हुए। यहां आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यालय के सिविल लाइन स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम भवन में आये दिन उच्चाधिकारियों सहित न्यायिक अधिकारियों का भी आना जाना लगा रहता है। विश्राम भवन के चंद दूरी पर ही जिला न्यायालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर एसडीएम, तहसीलदार के कार्यालय भी स्थित हैं। जबकि जिला पंचायत सीईओ और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तक का आवास इसके करीब ही स्थित है लेकिन यहां बेख़ौफ़ होकर जुआ फड़ का संचालन होना बहुत बड़ा प्रश्न है। अब सवाल प्रशासन से है कि क्या वह विश्राम भवन को सत्ता के दबाव में जुआं घर बनाने की अघोषित छूट दे चुकी है या जानबूझकर अपनी आंख बंद कर ली है।
दिन भर लगा रहता है जमावड़ा – सूत्रों ने बताया कि विश्राम भवन में इन दिनों सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं का कब्जा है। जिले के एक विधायक के समर्थक तो विश्राम भवन को अपना घर बना चुके हैं वे अकारण दिन भर यहां पड़े रहते हैं लेकिन कोई भी इनको मना करने की हिम्मत नही कर सकता। विधायक समर्थक दिन रात यहां आते जाते देखे जा सकते हैं कारण यह कि वे तो अभी सत्ता के नशे में मस्त है और विश्राम भवन उनका अघोषित आसियाना बन चुका है। यहां यह बताना जरूरी है कि पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष डॉ, चरणदास महंत और सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत को भी विश्राम भवन में रुकने की जगह नही मिल सकी, जिससे वे एक निजी होटल में रुके लेकिन जुआरियों को आये दिन फड़ संचालन के लिए कमरा मिल जाना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है।
पुलिस की खानापूर्ती – आज के इस ताजा मामले की बात अगर की जाए तो पुलिस के पहुँचने के पहले सभी जुआरी कमरे से भाग गए इसके वावजुद पुलिस ने ये जानने की हिमाकत नही की की आखिर उस कमरे को किसने बुक करवाया था। आखिर किसके कहने पर वो कमरे में अवैध कार्य को अंजाम दे रहे थे। हालाकि यह जानना सिटी कोतवाली पुलिस के लिए बाए हाथ का खेल था पुलिस शायद अब ऐसा नही चाहती और अब इस बात पर भी पूरा यकीन है कि पुलिस दोबारा किसी के सूचना मिलने पर भी वहाँ नही जाएगी। अब नॉकरी है भईया कौन लेगा पंगा चुकी ट्रांसफर एक्सप्रेस तो जारी है।