00 तोता मैना की कहानी हुई पुरानी
00 न जाने ये रिश्ता क्या कहलाता है
कोंडागांव / 9 वर्षो से एक चिड़िया मैना बच्चों के साथ पढ़ाई और मध्यान्न भोजन करने आती हैं। जी जरूर ही यह सुनन को अजीब लगे मगर कोंडागांव के मारीगुड़ा प्राथमिक शाला में पिछले 9 वर्षो से एक चिड़ियां जिसे ग्रामीण मैना चिड़िया के नाम से जानते है, वो इस स्कूल में बच्चों और शिक्षकों के आने से पहले स्कूल पहूंच जाती है। स्कूल की छुट्टी होने के बाद जब सब घर चले जाते है। उसके बाद वो जंगल की ओर उड़ जाती है। ये सिलसिला सालों साल से चलता आ रहा है। स्कूल प्रबंधन सहित बच्चे अब मैना से घुल मिल गए हैं और यही वजह हैं कि जिसे देख सभी अचरज में हैं।
चिड़ियां की दिनचर्चा:- सुबह स्कुल के हैंडपंप के पास नहाती है । फिर ध्वज के पास कुछ देर बैठी रहती हैं । प्राथना में बच्चों के साथ फिर वो स्कूल के अंदर जब शिक्षक पढ़ाते हैं, तो वो भी बच्चों के साथ उनके टेबल में बैठ जाती है। स्कूल प्रबंधन द्वारा मध्यान्न भोजन भी अब इस चिड़ियां को दिया जाने लगा है। वो भी बच्चों के साथ भोजन करती है। अब शिक्षक भी उसे स्कूल की छात्रा ही मानने लगे है। इन 9 वर्षो में कभी ऐसा नहीं हुआ कि वो स्कूल न आई हो।
शिक्षकों को उम्मीद:- शिक्षक निलकंठ साहू और श्रवण मानिकपुरी को पूरी उम्मीद है मैना बोलती भी है। चुकी अभी ये छोटी है पर एक दिन स्कूल के छात्रों के साथ पढ़ाई भी करेगी और अपनी आवाज में बोलेगी भी। ये इस कारण उम्मीद है कि वो कई वर्षो से नियमित आ रही है।
प्रधान पाठक निलकंठ साहू और श्रवण मानिकपुरी:- पिछले 9 वर्षो से हम यहा पदस्थ हैं और कभी ऐसा नहीं हुआ की ये चिड़िया स्कूल नहीं आयी हमारे आने से पहले और छुट्टी के बाद जब छुट्टी का दिन होता है। ये मैना बच्चों के साथ पढ़ाई और मध्यान्न भोजन भी करती है। बच्चे भी काफी खुश रहते है । इसके आने से कभी छुट्टी नहीं ली इस मैना को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं।