नई दिल्ली : क्या ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा भी कहीं और जीवन है? वैज्ञानिक सालों से इस सवाल का जवाब तलाशन की कोशिश में लगे हैं। दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो एलियन और उसके एयरक्राफ्ट यूएफओ को देखने का दावा करते हैं। हालांकि, सच्चाई यह है कि वैज्ञानिक भी अभी तक एलियन की खोज नहीं कर पाए हैं। अब इस बीच शोधकर्ताओं का मानना है कि जल्द ही वह एलियन की खोज कर सकते हैं। ब्रह्मांड में एलियन की तलाश के लिए दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक प्रोजेक्ट ब्रेकथ्रू लिसेन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कई तकनीक विकास ब्रह्मांड में खोज की दिशा बदलने वाले हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में पहली बार नवाचारों को लेकर ऑक्सफोर्ड में वैज्ञानिकों का वार्षिक सम्मेलन होने वाला है। इस इसी सप्ताह शुरू होने वाले सम्मेलन में नई तकनीक को लेकर चर्चा की जाएगी। खगोलविदों से लेकर प्राणीविदों समेत सैकड़ों वैज्ञानिकों के शामिल होने की संभावना है। ब्रेकथ्रू लिसन के एक परियोजना वैज्ञानिक खगोलविद स्टीव क्रॉफ्ट का कहना है कि विकास के अधीन कई अद्भुत तकनीकें हैं। उदाहरण के तौर पर चिली, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में विशाल नई दूरबीनों का निर्माण। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में विकास।
अब वो एलियन सभ्यताओं को खोजने के तरीके को बदलने वाले हैं। इन नए उपकरणों में स्क्वायर किलोमीटर ऐरे शामिल है। सैकड़ों रेडियो दूरबीनों से बने स्क्वायर किलोमीटर ऐरे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में तैयार हो रहा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी रेडियो खगोल विज्ञान सुविधा होगी। इसके अलावा चिली में वेरा रुबिन वेधशाला का निर्माण किया जा रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा होगा। इससे हर तीन या चार रातों में पूरे आकाश की तस्वीर बनाई जा सकती है। उम्मीद है कि इससे लाखों नई आकाशगंगाओं और सितारों की खोज में मदद मिलेगी।
स्टीव क्राफ्ट ने बताया कि आने वाले कुछ सालों दोनों अवलोकन की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। सबसे खास बात यह है कि दोनों ही ब्रेकथ्रू लिसन के लिए डेटा प्रदान करेंगी। इन विशाल सूचना समूहों के अध्ययन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एलियन सभ्यताओं की खोज के लिए अतिरिक्त शक्ति मिलेगी।