सुरजपुर/भटगांव:– जिला अंतर्गत एसईसीएल भटगांव क्षेत्र मानों भ्रष्टाचार का एक मिशाल कायम करना चाहती है जो लगातार अखबारों की सुर्खिया बटोरने में लगी हुई फिर भी एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव मानो यही नहीं रुकना चाहते लगातार आगे बढ़ना चाहते है और ऐसा लगता है की एसईसीएल गाईड लाईन, डीजीएमस गाईड लाईन, भारत सरकार की गाईड लाईन जो हो इनके मुट्ठी में हो और जब जैसा चाहे वैसा नियम लागू कर काम करवा सकते ठीक उसी कड़ी में अब तो कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी सहित यातायात नियमों को भी अपने मुठ्ठी में बंद कर लिए जहा कोल ट्रांसपोर्ट कराने 16 टायरा गाड़ी को अलाऊ कराके 12 चक्का के गाड़ी में कोयला लोड करवा कर कोयला ट्रांसपोर्ट कराने में लगे है जिनकी 4 टायर रोड को न छू कर ऊपर टंगा आपको दिखाई देगा जो गाड़ी नियम विरुद्ध यमराज बनकर रोड पर दौड़ रही और यातायात विभाग सहित अन्य जिम्मेदार मानो किनारे खड़े मूक दर्शक बने समर्थन दे रहे है।
नियम विरुद्ध कार्य कराने में किए महारथ हासिल जहा एजेंसियां खड़ी है समर्थन में
शाबाश एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ आपको तो गोल्ड मेडल मिलना चाहिए गोल्ड मेडल क्या आपको तो देश के सरकार को भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में अनियमितता की मिशाल कायम करने के लिए जहां आपने एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में मानो महाप्रबंधक रहते भ्रष्टाचार को छिपाने, मजदूरों से नियम विरुद्ध काम करवाने, ठेकेदार मजदूरों के हक को मारते हुए चहेतों को लाभ पहुंचाना, बंद खदान को बिना अनुमति मजदूरों के जान को जोखिम में डालकर कोयला उत्पादन करवाना, डेगजिनेशन से हटकर चहेतों से काम करवाना, कोयला में मिलावट करवाते हुए अच्छे ग्रेड का कोयला बनाकर कंपनी को चुना लगाना सहित अन्य नियम विरुद्ध कार्य करवाना मानो आपके बाय हाथ का खेल हो चुका है जहां न तो बिजिलेंश कुछ कर पा रही है न तो और न ही डीजीमएस सहित तमाम जांच एजेंसियां आपके मुठ्ठी में हो जहां तमाम संबंधित जांच एजेंसियां, शासन प्रशासन को आपने मुठ्ठी में बांध रखा हो और ये सभी जांच एजेंसियां, शासन प्रशासन आपके द्वारा आयोजित नियम विरुद्ध गलत कार्यों का खुला समर्थन दे रहे है तभी तो आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
किसके संरक्षण में चल रहा है बेधड़क 16 टायरा गाड़ी 12 टायर पर
मानों एसईसीएल भटगांव महाप्रबंधक के छत्र छाया में भ्रष्टाचार के कड़ी में अब तो कोल ट्रांसपोर्ट के लिए कोयला परिवहन में लगी गाड़ी कंपनियों को भी हिस्सेदारी बना लिया गया है जहां इन्हें खुली छूट प्रदान करके रखी गई है जैसा चाहो वैसा रोड पर बेधड़क दौड़ते रहो रोक-टोक करने वाला कोई नहीं है फिर आप कोल ट्रांसपोर्ट के गाड़ियों को 16 चक्का में चलाओ या फिर 12 चक्का में चलाओ पूछने वाला कोई नहीं है कि तुम 16 चक्का के टायर वाली गाड़ी को 12 चक्का में क्यों दौड़ा रहे हो रोड पर।
क्या होना चाहिए कोयला लोडिंग के पश्चात वाहन की स्थिति
16 टायर में क्षमता- 47 टन 700 किलोग्राम (लगभग) गाड़ी के टायर का वजन – 17 टन 400 किलोग्राम (लगभग) कोयला का वजन 30 टन 300 किलोग्राम
क्या महाप्रबंधक के संरक्षण में दे रहे काटा बाबू और बूम बेरियर गार्ड गाड़ियों को छूट
एसईसीएल कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी के गाड़ी में टायर कम होने पर भी एसईसीएल के अधिकारी कर्मचारी 30 टन 300 किलोग्राम के लगभग कोयला लोड कर भेजता है जो की अपराध है और R. T. 0 विभाग को धोखा दे रहा है इसमें कंपनी प्रतिदिन प्रत्येक गाड़ी से लगभग 2000 हजार रुपए का फायदा उठा रहा है, गाड़ी पूरी तरह से फिटनेश ना होने पर भी चलाया जा रहा है जो कि एक एक्सीडेंट करने का घर बनाया जा रहा है और गाड़ी में तिरपाल और कोयला में पानी छिड़काव कर के ट्रांसपोर्टिंग करना चाहिए जो अधिकांश रूप से नहीं होता।
नियम विरुद्ध होने पर भी कैसे दिया जाता है खदान परिसर में प्रवेश
कोल ट्रांसपोर्ट गाड़ी में 16 टायर होना चाहिए क्योंकि 16 टायर के गाड़ी में कम टायर होगा तो गाड़ी को एसईसीएल कंपनी में अलाऊ ही नहीं होगा यदि 16 टायर की गाड़ी को एसईसीएल 12 चक्का में अलाऊ करता है तो यह एक तरह का एक्सीडेंट होने को बढ़ावा देना है क्योंकि गाड़ी में 16 टायर के हिसाब से कोयला लोड होता है और गाड़ी में 4 या 2 टायर लगा ही नहीं है या फिर उसका 2 या 4 टायर रोड को न छूकर रोड से ऊपर ही उठा होता है तो गाड़ी अंनियंत्रित होकर एक्सीडेंट हो सकता है वही यदि गाड़ी में टायर कम है तो काटा घर में जब गाड़ी खड़ी होती उस वक्त जीतने टायर गाड़ी में लगा है उस टायर के हिसाब से गाड़ी में कोयला लोड देना चाहिए जबकि यहां तो सभी चीजों को देख कर भी आँख बंद कर लिया जाता है।
कोल ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों में ये होनी चाहिए सुविधा
कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी में चलने वाली सभी वाहनों के पास तो सबसे पहले पी.एम.ई और वी.टी.सी होने के साथ सभी गाड़ियों में बैक कैमरा, गाड़ी में बैक लाइट, गाड़ी में बैक हार्न, गाड़ी में तिरपाल बाँध कर, प्रत्येक गाड़ी चालाक के पास आई कार्ड, हर ड्राइवर का ड्रेस कोड होना जरूरी है वही गाड़ी की स्पीड लिमिट निर्धारित होती है लेकिन यहां चल रहीं है 60 से 70 किलो मीटर प्रति घंटा के स्पीड पर चलते, गाड़ी के चारों तरफ रेडियम लगा होना चाहिए साथ ही ऐसे कई नियम है जो पूरे होने चाहिए लेकिन वर्तमान महाप्रबंधक की नियम विरुद्ध कार्यप्राणली और जिम्मेदारों का मौन धारण करना संदेह के दायरे में है।
