Wednesday, April 30, 2025
हमारे राज्य शिव शिष्यता की जननी राजमणि दीदी नीलम आनन्द जी...

शिव शिष्यता की जननी राजमणि दीदी नीलम आनन्द जी के 72वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया

-

सूरजपुर/:– शिव शिष्य परिवार जिला समिति सूरजपुर के द्वारा शिव शिष्यता की जननी राजमणि दीदी नीलम आनंद जी के 72वां जन्मोत्सव नगर पंचायत जरही दुर्गा पंडाल में सवा घण्टे का हर भोला हर शिवा अखण्ड संकीर्तन भजन कर बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान बहुत से लोगों ने भगवान शिव को अपना गुरु माना।


कार्यक्रम में सैकड़ों गुरु भाई-बहनों द्वारा शिव शिष्य परिवार सूरजपुर द्वारा सांसें हो रही है कम, आओ वृक्ष लगाएं हम नारे के तहत पौधरोपण किया गया और संकल्प लिया गया कि सभी वृक्षों की देखभाल करेंगे। जिसके बाद सवा घंटे का संकीर्तन भजन का आयोजन किया गया और केक काटकर जन्मदिन मनाया गया।

शिव शिष्य परिवार सूरजपुर के तत्वावधान में आयोजित शिव शिष्यता की जननी राजमणि दीदी नीलम आनन्द जी के 72 वीं जन्मदिवस पर गुरु भाई रामसरन राजवाड़े ने दीदी जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शिव की शिष्यता को सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्थापित करने वाली इस कालखंड की प्रथम शिव शिष्या राजमणि दीदी नीलम आनन्द जी ने सन 1980 के दशक से बिहार के मघेपुरा जिला से हरिन्द्रानंद जी के साथ लोगो को शिव का शिष्य बनने की प्ररेणा देती रही। प्रारंभिक दिनो मे भगवान शिव की शिष्यता के प्रभाव से लोग परिचित नही थे। दीदी नीलम आनंद जी ने अपने आध्यामिक शक्ति से कितने शिव शिष्यों के जीवन में चमत्कार किए। जिसके फलस्वरुप आज भारतवर्ष ही नही अपितु नेपाल सहित 20 देश में शिव की शिष्यता यथार्थ में परिलक्षित हो रही है।

दीदी नीलम आनन्द जी ने 17 जून 2005 को शिवलीन हुई।वही विगत 18 वर्षो में भारत और भारत से बाहर लाखों लोगो ने अपने शिव शिष्यता की यात्रा में प्रत्यक्ष रुप से उनके होने की अनुभुति किया है।दीदी नीलम आनन्द कहा करती थी मुझे घर की आवश्यकता नहीं है।मेरे गुरु भाई एवं बहना का शरीर ही मेरा घर है। मै उसी में निवास करुंगी।


उन्होंने शिव शिष्य से कहा करती थी कि आप शिव कार्य करते रहे मै शरीर में रहुं या ना रहुं छाया बनकर आपके लौकिक कांटो को चुनती रहुंगी। जिसका गवाह आज 6 करोड़ शिव शिष्य हैं। साहब हरीन्द्रानन्द जी का यह विचार कि भगवान शिव गुरु है।आप भी उनके शिष्य हो सकते है। इस विचार की आवृति तीन सुत्र के माध्यम से करने पर देखा जा रहा है कि व्यक्ति के स्तर पर चेतना का परिमार्जन हो रहा है।व्यक्ति शिव गुरु की दया से जीवन जीने की कला सीख रहे है।

गुरु भाई जानकी राजवाड़े व अजय साहू ने उपस्थित लोगों को बताया कि कहते हैं इष्ट में सबसे बड़े देवों के देव महादेव ही हैं। जो दुनिया की रचयिता है, उसकी महिमा बड़ी ही निराली है।

उपस्थित शिव शिष्यों को बताया गया कि संसार में शिव गुरु बसते हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति को सजगता से जीया जाए तो जीवन में आनंद ही आनंद है। जो व्यक्ति शिव को गुरु नहीं माना, उनके जीवन में दुख ही दुख होता है। हर इंसान चाहता है कि उसे हर तरह का सुख मिले। धन, परिवार, निरोग शरीर, दीर्घायु सहित अन्य सुख प्राप्त करें। शिष्यों की भावना जिस प्रकार की होती है, गुरु का भी संबंध भी एक ही उसी प्रकार का होता है।

वही मां दीदी नीलम आनंद के जन्म दिवस पर सभी गुरु भाई बहनों ने एक-एक पौधा भी लगाया। साथ ही परिचर्चा में उपस्थित लोगों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अजय साहू व जानकी राजवाड़े ने किया।

Latest news

सांसद बृजमोहन के पत्र का असर, 2621 सहायक शिक्षकों के समायोजन का निर्णय

रायपुर 30 अप्रैल, बर्खास्त शिक्षक मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पत्र का...

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण परिवहन, तकनीकी शिक्षा और शिक्षकों के समायोजन पर ऐतिहासिक फैसले

कैबिनेट बैठक में ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना’ सहित...

1 मई जन्मदिन पर सादगी के साथ वंचितों की सेवा करें: बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर / जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में निर्दोष...
- Advertisement -

Must read

You might also likeRELATED
Recommended to you

error: Content is protected !!