नई दिल्ली : जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना हेल्दी आदतों में गिना जाता है. लेकिन आजकल के दौर में लोग उल्लू (NIGHT OWL) की तरह देर रात तक जागते हैं. देखा जाए तो मोबाइल ने लोगों की रात की नींद कम कर दी है. लेकिन देर से सोने की ये आदत आपको डायबिटीज 2 (Diabetes type 2)का शिकार बना सकती है. जी हां, एक स्टडी में कहा गया गया है कि रात को देर से सोने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठने वालों की तुलना में डायबिटीज 2 का 46 फीसदी ज्यादा रिस्क होता है. दरअसल नींद की खराब क्वालिटी के साथ साथ गलत लाइफस्टाइल डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाती हैं.
रात देर तक जागने वाले डायबिटीज टाइप 2 के खतरे
हाल ही में कराई गई एक नई स्टडी में कहा गया है कि जो लोग रात में देर तक जागते हैं, वो उनके अंदर दूसरों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने के 46 फीसदी ज्यादा जोखिम होते हैं. नीदरलैंड्स में कराई गई इस स्टडी में पांच हजार ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनका वजन अधिक था. इन लोगों को तीन भागों में बांटा गया. पहला, जल्दी उठने वाले (अर्ली क्रोनोटाइप), दूसरा औसत समय (मिडिल क्रोनोटाइप) पर उठने वाले और तीसरा देर से उठने (लेट क्रोनोटाइप) वाले. आपको बता दें कि इस स्टडी की फाइंडिंग को यूरोपीय संघ की बैठक में भी दिखाया जाएगा.
रात में उल्लू की तरह जागने से सेहत खतरे में
रात के उल्लू ऐसे लोग हैं जो रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं. स्टडी में कहा गया है कि रात में देर से सोने वालों की बायो क्लॉक गड़बड़ हो जाती है जिससे इनके शरीर में टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं. रात में देर से सोने वालों को होने वाली परेशानियों में हाई बीएमआई, बैली फैट, फैटी लिवर और आंत में फैट जमना शामिल हैं. लेट क्रोनोटाइप वालों में मिडिल क्रोनोटाइप वालों की तुलना में डायबिटीज टाइप 2 होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसके पीछे शरीर में फैट का बढ़ना, आंत की चर्बी का बढ़ना और फैटी लिवर शामिल है.