डोंगरगढ़: नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तरुण हथेल सहित चार लोगों को आत्महत्या के एक मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है। डोंगरगढ़ जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनीश दुबे ने मामले में सुनवाई करते हुए आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 34 के तहत 5 साल के कठोर कारावास और आर्थिक दंड की सजा दी है। जुर्माना न भरने की स्थिति में प्रत्येक आरोपी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह मामला विजय नेताम नामक सरकारी कर्मचारी की आत्महत्या से जुड़ा हुआ है। विजय नेताम ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। सुसाइड नोट में अरविंद हथेल, गब्बर हथेल, तरुण हथेल और सोनम साहू के नाम शामिल थे। नोट के अनुसार, इन लोगों द्वारा लगातार मानसिक प्रताड़ना और दबाव के कारण वह अवसाद में चला गया था।
इस मामले की शिकायत रमेश नेताम ने डोंगरगढ़ थाना में दर्ज कराई थी। जांच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा विजय नेताम को लंबे समय तक मानसिक प्रताड़ना दी गई थी, जिसके कारण उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। विजय नेताम एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी था और उसने यह कदम मजबूरी में उठाया।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें 5 साल के कठोर कारावास की सजा दी। इसके साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया गया।