बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनएसएस कैंप के दौरान हिंदू छात्रों को जबरन नमाज़ पढ़वाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कैंप में शामिल 155 छात्रों को प्रोग्राम ऑफिसर और कैंप कोऑर्डिनेटर की ओर से दबाव बनाया गया कि अगर उन्होंने नमाज़ नहीं पढ़ी, तो उन्हें एनएसएस का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा।
इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें छात्र यह दावा करते दिख रहे हैं कि उन्हें धमकियां दी गईं और उनकी धार्मिक आस्था के खिलाफ जाकर नमाज़ अदा करने को मजबूर किया गया।
घटना के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कहा कि “सरकार बनने के बाद बीजेपी धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रही है। यह घटना संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है।”
वहीं बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता के साथ किसी भी तरह की जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन छात्रों और अभिभावकों में रोष व्याप्त है। मामले की जांच और कार्रवाई को लेकर सभी की निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं।