रायपुर
जुलाई का महीना छत्तीसगढ़ की राजनीति में इतिहास रचने जा रहा है। 7 जुलाई से सूबे की सियासत दो ध्रुवों में बंटी नजर आएगी—राजधानी रायपुर में कांग्रेस देश की संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लेगी, तो वहीं मैनपाट में भाजपा संगठन की मजबूती और सत्ता-संचालन की रणनीति पर मंथन करेगी।
रायपुर में 7 जुलाई को कांग्रेस की ‘किसान, जवान, संविधान सभा’
कांग्रेस 7 जुलाई को राजधानी रायपुर में विशाल जनसभा का आयोजन करने जा रही है, जिसे पार्टी ने “इतिहास बनाने वाला आयोजन” बताया है। सभा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल संबोधित करेंगे।
इस आयोजन का मकसद देश के वंचित वर्गों की आवाज को बुलंद करना और संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता जताना है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है, आर्थिक नीतियों से देश को संकट में डाल रही है और संविधान के मूल मूल्यों पर हमला कर रही है।
सभा के जरिए पार्टी आम नागरिक की चिंता, किसानों के हक, जवानों के सम्मान और सामाजिक न्याय की लड़ाई को केंद्र में लाने का दावा कर रही है। प्रदेश कांग्रेस ने इसे जनआंदोलन की शुरुआत बताया है।
मैनपाट में भाजपा का 3 दिवसीय चिंतन शिविर: 2028 की तैयारी
वहीं दूसरी ओर, 7 से 9 जुलाई तक मैनपाट की शांत पहाड़ियों में भारतीय जनता पार्टी का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित होगा। इसका उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा करेंगे और समापन सत्र को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे।
शिविर में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और सांसद सहित संगठन के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे। आयोजन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में भाजपा की सांगठनिक शक्ति को और धार देना, सरकार की योजनाओं की समीक्षा करना और 2028 विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करना है।
दोनों दलों के लिए तय होगी दिशा
एक तरफ कांग्रेस जनता से जुड़ाव के जरिए विपक्ष की धार को मजबूत करना चाहती है, तो दूसरी तरफ भाजपा सत्ता में रहते हुए पार्टी की जड़ें गहरी करने और भविष्य के चुनावों की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटी है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, जुलाई का पहला सप्ताह छत्तीसगढ़ की राजनीति के अगले पांच वर्षों की दिशा तय कर सकता है। जनता की नजरें अब रायपुर और मैनपाट के इन दो अहम आयोजनों पर टिकी हैं।
