Advertisement Carousel

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी, सियासी हलचल तेज


भिलाई, 18 जुलाई।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार तड़के छापा मारा। ईडी की तीन गाड़ियों में सवार टीम सुबह करीब 6 बजे बघेल निवास पहुंची। छापेमारी के दौरान जिले के कई थानों से बुलाई गई अतिरिक्त पुलिस बल और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। मीडिया को निवास से दूर रखा गया और कवरेज की अनुमति नहीं दी गई।

ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब छत्तीसगढ़ विधानसभा का वर्षाकालीन सत्र अपने अंतिम दिन में प्रवेश कर रहा है। इसी के चलते इस छापे को केवल जांच प्रक्रिया नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है।

बघेल कार्यालय की प्रतिक्रिया – “ED आ गई”

छापेमारी के कुछ ही देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय से सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कार्रवाई को सीधे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा:

“ED आ गई।
आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है।
अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था।
भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।”

(संदेश : कार्यालय – भूपेश बघेल)

यह बयान न केवल इस छापेमारी को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताता है, बल्कि तमनार में अडानी समूह की परियोजनाओं से जुड़े पर्यावरणीय मसले को उठाने की कांग्रेस की योजना की ओर भी इशारा करता है।

किस मामले में हुई कार्रवाई?

ईडी ने अभी तक इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दबिश किस विशेष मामले से जुड़ी है। हालांकि, भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल से जुड़े कई विवादास्पद मुद्दे पिछले वर्षों में चर्चा में रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • शराब घोटाला मामला
  • महादेव सट्टा एप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच
  • कोयला परिवहन में कथित अनियमितताएं

इन मामलों की जांच पहले से चल रही है और ईडी की यह दबिश इन्हीं में से किसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है।

राजनीतिक तापमान बढ़ा

ईडी की कार्रवाई के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ होने की संभावना जताई जा रही है।
कांग्रेस इसे केंद्र सरकार की तानाशाही और एजेंसियों के दुरुपयोग से जोड़ रही है, जबकि भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।




error: Content is protected !!