केंद्र ने दिखाई सख़्ती, निकायों को 30 नवंबर तक की नई डेडलाइन — धीमी रफ्तार पर सियासत भी तेज़
रायपुर।
गरीबों को पक्का मकान देने की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 छत्तीसगढ़ में सुस्ती की भेंट चढ़ती दिख रही है। केंद्र सरकार ने राज्य को 50 हजार आवासों का लक्ष्य दिया था, लेकिन अब तक सिर्फ 11 हजार हितग्राहियों की सूची ही भेजी जा सकी है। कई जिलों में तो हालात इतने खराब हैं कि एक भी आवेदन तक नहीं पहुंचा है।
केंद्र की नसीहत के बाद अब राज्य सरकार हरकत में आई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी 189 निकायों को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। तय समय तक 100% पात्र हितग्राही तय कर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है, वरना कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नगरीय प्रशासन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पात्र परिवारों को पक्का मकान देना है।
“प्रदेश में अब तक 26 लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं। जो पात्र छूट गए हैं, उन्हें भी जोड़ा जाएगा। सरकार की पहली प्राथमिकता है — ‘हर गरीब को छत मिले’।”
— श्याम बिहारी जायसवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री
धीमी प्रगति पर अब राजनीतिक सियासत भी गर्म हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है।
“राज्य में हर काम ठप है, किसी क्षेत्र में प्रगति नहीं दिख रही। यही हाल आवास योजना का भी है।”
— टीएस सिंहदेव, पूर्व उपमुख्यमंत्री
गरीबों का ‘मकान सपना’ फिर अधूरा?
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य है हर पात्र परिवार को पक्का मकान देना, लेकिन जिस रफ्तार से छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय काम कर रहे हैं, उससे लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल दिख रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि नई डेडलाइन से निकायों की रफ्तार बढ़ती है या फिर गरीबों का ‘मकान सपना’ एक बार फिर कागज़ों में ही अटका रह जाता है।
