रायपुर | 17 दिसंबर 2025
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित विशेष चर्चा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् देशप्रेम का वह उद्घोष था, जिसकी गूंज से ब्रिटिश हुकूमत तक कांप उठती थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस गीत ने करोड़ों भारतीयों के हृदय में साहस, त्याग और बलिदान की अग्नि प्रज्वलित की और गुलामी की जंजीरों को तोड़ने की शक्ति प्रदान की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानियों—भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, खुदीराम बोस सहित असंख्य क्रांतिकारियों—को स्मरण करते हुए कहा कि वंदे मातरम् का जयघोष करते हुए वे मां भारती के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए। उनका बलिदान आज भी प्रत्येक भारतीय को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का स्मरण कराता है।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् की गौरव गाथा का स्मरण हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। यह गीत उस संघर्ष, पीड़ा और अदम्य साहस की याद दिलाता है, जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। यह हमारी राष्ट्रीय चेतना का आधार स्तंभ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी राष्ट्र की पहचान केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं होती, बल्कि उसकी सभ्यता, संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों से होती है। भारत की सांस्कृतिक निरंतरता विश्व में अद्वितीय है। विधानसभा में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा का उद्देश्य इतिहास की उन भूलों को न भूलना भी है, जिनके घाव आज भी समाज में महसूस होते हैं। इतिहास से सीख लेकर ही एक सशक्त और समरस भारत का निर्माण संभव है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के उन सभी वीर सपूतों को नमन किया, जिन्होंने वंदे मातरम् के भाव को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर भारत माता के लिए सर्वस्व न्योछावर किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् हमें हमारी विरासत, सांस्कृतिक चेतना और हजारों वर्षों की सभ्यता से जोड़ता है। यह उन आदर्शों की सामूहिक अभिव्यक्ति है, जिन्हें हमने युगों-युगों में आत्मसात किया है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय परंपरा में धरती को माता के रूप में पूजने की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि वंदे मातरम् इसी मातृभूमि-भाव का सशक्त और पवित्र स्वरूप है, जो हमें प्रकृति, भूमि और राष्ट्र के प्रति सम्मान व कर्तव्यबोध सिखाता है।
अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं जयंती पर आयोजित इस विशेष चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष तथा सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विमर्श नई पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक चेतना से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
