Sunday, June 29, 2025
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‘मैंगो बेल्ट’ को खत्म करने का प्रयास, हरा फलदार आम का वृक्ष काटने की अनुमति नहीं मिलने पर, वृक्ष को छील कर सुखाने का प्रयास

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वसीम बारी, रामानुजगंज / इसे महज संयोग ही कहा जाएगा कि ऐसे मौसम में जब ‘आम’ की अहमियत बढ़ी है, आम के कटते पेड़ भी चिंता का विषय बन गए हैं. हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में आम के पेड़ काटे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ और जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि प्रदेश में कोई आम का पेड़ बिना इजाजत न काटा जाए.

कोर्ट ने स्थानीय वकील जयंत सिंह तोमर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया. तोमर ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकारी एजेंसियां सड़कें बनाने के नाम पर लकड़ी माफिया अथवा कोई ब्यक्ति अपना निजी स्वार्थ के लिए अकसर हरे और फलदार आम के पेड़ काट देते हैं. तोमर ने दावा किया था कि राजधानी लखनऊ के ‘बख्शी का तालाब’ और मलीहाबाद जैसे बाहरी इलाकों में कुछ निजी डेवलपर भी इस काम को अंजाम दे रहे हैं.

प्राप्त सूत्रों के मुताबिक, जिला बलरामपुर के ग्राम पंचायत रामचन्द्रपुर के अन्तर्गत ग्राम चरगढ़ में स्थित खसरा क्र 148, कुल लगभग 50 डीसमील भूमि पर सात हरे भरे फलदार आम का वृक्ष है जिसे स्थानीय लोग “मैंगो बेल्ट” कहते हैं। उक्त मैंगो बेल्ट का चौहद्दी दक्षिण में लक्ष्मी प्रसाद कश्यप, पश्चिम और उत्तर में गुलाब साव पूरब में बसेरा मेन रोड है। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि रामचन्द्रपुर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी सूरजदेव प्रसाद कश्यप आत्मज स्वर्गीय शरण साव जो भूमि स्वामी हैं के द्वारा उक्त हरे भरे फलदार आम का वृक्ष को काटने हेतु रामचन्द्रपुर के ग्राम सभा में अनुमति चाही गयी थी, जिसपर ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों सहित पंचायत कर्मी सरपंच एवं सचिव ने वन विभाग से अनुमति लेने की सलाह दी। भूं स्वामी के द्वारा धमनी रेंज में पदस्थ डिप्टी रेंजर से भेंट कर अनुमति चाही गयी। डिप्टी रेंजर द्वारा उक्त भूं स्वामी को धमनी रेंज के रेंजर साहब से अनुमति लेने की सलाह दिया गया। भूं स्वामी के द्वारा धमनी रेंज के रेंजर से भेंट कर अनुमति हेतु पत्र सौंपा गया किन्तु वहां से भी अनुमति नहीं मिला और एसडीओ रामानुजगंज जाने को कहा गया। अंततः एसडीओ रामानुजगंज द्वारा भी हरा फलदार आम का वृक्ष को काटने हेतु आवेदन पत्र को खारिज करते हुए अनुमति प्रदान नहीं किया गया। थक-हार कर भूं स्वामी ने विशाल फलदार आम के पौधों को काटने एवं हटाने की नियत से मजदूर लगवा कर फलदार पौधा का उपर से पूरा छाल छीलवाने सहित पौधा का डंगाल कटवाना प्रारंभ किया गया। जिस पर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने आपत्ति करते हुए मजदूरों को वैसा कार्य करने से मना किया तो मजदूरों ने काम करने से इंकार कर दिया। परन्तु भूं स्वामी के द्वारा मजदूरों को दुगना मज़दूरी दिये जाने का लालच देकर पून: काम करने के लिए राजी कर उक्त सातों फलदार आम के पौधों को सुखा कर मार डालने की कवायद युद्ध स्तरीय पर प्रारंभ है यदि समय रहते संबंधित विभाग द्वारा पहल नहीं किया गया तो निश्चित ही ‘मैंगो बेल्ट’ खत्म हो जाएगा।

हरे वृक्ष काटना गंभीर अपराध – एक तरफ सूबे को हरा-भरा प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह जान से जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ पेड़ पौधे लगाने की बजाय काटे भजा रहे है। चरगढ़ में स्थित खसरा क्र 148 में लगभग आधा दर्जन से अधिक लगे हरे विशाल फलदार आम के वृक्षों को भूं स्वामी द्वारा बिना अनुमति के कटवाए जाने की जानकारी स्थानीय लोगों द्वारा हमारे संवाददाता ‘वसीम बारी’ को दिया। यह बात सुनते ही हमारे संवाददाता गम्भीर हो गये बोले कि यह कैसे हो रहा है। सरकार पर्यावरण के प्रति पूरी तरह सजग होकर राज्य के कोने-कोने में पेड़ लगाओ, धरती बचाओ के अभियान में लगी हुई है और यहां पेड़ लगाने की बजाय हरा फलदार आम का पेड़ का छाल छीलवा कर उपर से डंगाल कटवा कर मैंगो बेल्ट को खत्म करने की कवायद चल रही है। यह बहुत ही गम्भीर मामला है। हमारे संवाददाता द्वारा मौका स्थल का निरीक्षण कर फोटो लिया गया और ग्रामीणों का शिकायत सत्य एवं सही पाया गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि अखबार में यह मामला जब आएगा तभी नियमानुसार कार्यवाही होगी अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने कहा कि मामला प्रकाश में आने पर जिले के आला अफसरों द्वारा इसमें पहल कर दोषी लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। हरे वृक्ष काटना गम्भीर अपराध है। मुख्यमंत्री इस मामले में काफी गम्भीर है।

हरिशंकर पैकरा, तहसीलदार – रामानुजगंज 👇
हरा फलदार वृक्ष को काटने हेतु परमीशन लिया जाता है, कलेक्टर महोदय द्वारा धारा 240 के तहत कार्यवाही कर परमीशन दिया जाता है। वैसे मेरे पास उक्त संबंध में अनुमति हेतु कोई आवेदन पत्र नहीं आया है और नहीं मेरे द्वारा कोई अनुमति दिया गया है। मैं अभी धमनी रेंज के रेंजर अशोक तिवारी जी को फोन कर सूचित करता हूँ। उनसे बात करता हूँ।

शैलेन्द्र सिंह, जंगल दारोगा – धमनी रेंज, रामचन्द्रपुर 👇
वो आम का बगीचा फारेस्ट में नहीं है और रेवेन्यु में है। फिर भी जो बनेगा हमलोग करेंगे।

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