नई दिल्ली / पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने एशियाई बॉक्सिंग चैम्पियनशिप की लाइट फ्लाईवेट कैटेगरी में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 25 नवंबर को 35 साल की होने जा रही मैरी कॉम ने 48 किलो वर्ग के फ़ाइनल में उत्तर कोरिया की किम यांग मी को 5-0 से शिकस्त दी।
दोनों मुक्केबाज़ों ने पहले राउंड की शुरुआत से ही आक्रमण की कोशिश की और पहले राउंड में कड़ा मुक़ाबला देखने को मिला। दूसरे और तीसरे राउंड में उतना एक्शन नहीं दिखा। मैरीकॉम ने अपने अनुभव का फ़ायदा उठाते हुए डिफेंसिव खेल दिखाया और मौका मिलते ही पंच लगाकर स्कोर किया। उनका गेम प्लान काम आया और वे सर्वसम्मति से विजेता घोषित की गईं।
मैरी कॉम 2016 के रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थीं, लेकिन ये टूर्नामेंट दिखाता है कि उनमें अभी भी काफी दम है।
इससे पहले मैरी कॉम ने 2014 में इन्चॉन में हुए एशियाई खेलों में पदक जीता था, जहां वे महिलाओं के 51 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मु्क्केबाज़ बनी थीं।
एशियाई बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में ये मैरी कॉम का छठा पदक और पांचवां स्वर्ण पदक है। इससे पहले मैरी कॉम चार बार स्वर्ण और एक बार रजत पदक जीत चुकी हैं। हालांकि 48 किलो वर्ग में ये उनका पहला स्वर्ण पदक है।