रिपोर्ट / द्रोणाचार्य दुबे / 08982418547
00 दुकान वही जो खुले 24 घंटे और सेवा दे 365 दिन।
कोरिया / क्या आप किसी ऐसे शराब दुकान को जानते है जहा की विक्री 24 घंटे चालू रहती है। यदि नहीं तो जानिए की वह कौन सी दुकान है जिसकी सेवा बंद आखिर क्यों नहीं होती है।
शहर में 24 घंटे सेवा देने वाली दुकान तो कई मिल सकती है पर ऐसी दुकान जो सत्ता स्थापित होने के बाद कभी बंद नहीं हुई। जी हा हम बात कर रहे सरकार द्वारा लायसेंसी शराब सहित देशी मदिरा दुकान की जो कभी भी बंद नहीं होता है। सरकारी आदेश का पालन तो सिर्फ लायसेंसी दुकान के ठेकेदार करते है पर वही कुचिया के माध्यम से दुकान चालू भी रखते है। कहने बस को है की फलाने जयंती ठिकाने दिवस में शराब दुकान खोलना पूर्णतः प्रतिबंधित है जो सिर्फ दिखने के लिए है। यही वजह है की प्रदेश सरकार द्वारा आंबटित शराब दुकान हो या अग्रेजो का शासन काल दोनों में समानता इतना है की एक के राज में सूर्य अस्त नहीं हुआ और एक के राज में दुकान बंद नहीं हो सकी।
उक्त खबर लिखने के पीछे का मकसद सिर्फ इतना है की सरकारे सिर्फ कानून बनाती है पर उसका पालन धरातल पर कभी नहीं होता है ऐसा ही एक कारनामा सोमवार की रात कोरिया जिले के नगरीय क्षेत्र चिरमिरी पोड़ी अग्रेजी शराब दुकान में देखने को मिला। दुकान बंद करने का समय 10 बजे रात शासन ने निर्धारित किया है लेकिन जब भी कोई कार्य ठेकेदार के मंशानुसार रात्रि में करना हो तो सभी नियम और कायदे कानून चंद रुपयो की भेट चढ़ जाते है जिसे बोलचाल की भाषा में बड़े ही सहज तरीके से मैनेज होने की उपमा दे दी जाती है। दरअसल हुआ यु की रात्रि लगभग 11 बजे शराब दुकान खुला देखकर समीप के ही कुछ बुद्धजीवी लोगो ने यह पूछने की हिमाकत कर दी की इतनी रात में दुकान खुले रखना और इस तरह से शराब डंप करना अनुचित है फिर ऐसा क्यों किया जा रहा है। बस इतना सा बात और भड़क गए आबकारी के करता धरता। तू तू मैं मैं की बात थाने जाकर रुकी। इस पुरे मसले पर जब हमने बारीकी से छानबीन की तो पता चला की उक्त दुकान दो दिन बाद किसी ठेकेदार को सुपुर्द किया जाना है जिसे फ़िलहाल विभाग यानि आबकारी विभाग स्वयं चला रहा है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार उक्त ठेकेदार का डीओ उठ चूका था जो किसी और के नाम से था उसे दो दिन पहले ही दुकान में डंप कर दिया गया जो की विभाग के सरपरस्ती और अप्रत्यक्ष रूप से ठेकेदार का मॉल / शराब खपाने की अप्रत्याशित षड़यंत्र है जो आबकारी और ठेकेदार के आपसी साठगांठ का जीता जागता प्रमाण है।
आबकारी अधिकारी चिरमिरी – टेलीफोनिक जानकारी रात में देने पर मैडम ने घटना की जानकारी नहीं होने का हवाला दिया और दूसरे दिन सुबह कहा गया की सरकारी माल है रखा जा सकता है। रखने में देरी हो गई होगी ज्यादा जानकारी उच्च अधिकारी से आप ले सकते है।
खैर शराब दुकान को लेकर कही गई बाते शत प्रतिशत सही ही होती है क्योकि सरकार को एक बड़ी राशि का राजस्व तो मिलता ही है और अधिकारियो को भी उनका हिस्सा यही वजह है की उच्च अधिकारी भी सिर्फ राजस्व पर ध्यान देते है न की कानून और कायदों को तो ऐसी स्थिति में यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा की दुकान वही जो खुले 24 घंटे और सेवा दे 365 दिन।