कोरिया / देश में आपदा के इस काल में दवाईयों के दुकानों को खोलने की अनुमति इसलिये दी गई है कि लोगों को दवाईयों के लिये भटकना न पड़े. दवाईयों के अभाव में किसी की जान न जायें. लेकिन मनेन्द्रगढ़ के एक मेडिकल स्टोर संचालक ने महामारी के इस दौर में भी कालाबाजारी का जो उदाहरण दिया है उसे देखकर ऐसा लगने लगा है कि कुछ मेडिकल स्टोर्स संचालक किस प्रकार से मानवता को शर्मशार कर रहे हैं.
मनेन्द्रगढ़ के आमाखेरवा ईलाके में संचालित मनीष मेडिकल स्टोर्स के संचालक द्वारा आपदा के इस काल में लोगों से मनमाने तरीके से दवाईयों की बिक्री किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. एसडीएम मनेन्द्रगढ़ नयनतारा सिंह को कुछ लोगों द्वारा यह शिकायत की गई कि मनीष मेडिकल द्वारा सेनेटाईजर समेत अन्य औषधि की बिक्री अनाप शनाप रेट पर की जा रही है. इस शिकायत पर जब एसडीएम मनेन्द्रगढ़ मनीष मेडिकल स्टोर्स पहुंची तो वहां मौजूद एक ग्राहक ने बताया कि उन्होंने जो सेनेटाईजर लिया है उसके एवज में दुकानदार द्वारा 1700 रूपये वसूल किये गये हैं. और जो बिल भी दिया गया है वह कच्चा बिल है. जिसमें न तो एमआरपी का उल्लेख है और न ही बैच नंबर , जीएसटी नंबर भी नहीं लिखा हुआ है. इसके साथ ही साथ प्रोडक्शन का नाम भी नही लिखा है. वहीं बार कोड भी नही दर्शाया गया है. जिससे साफ है कि उक्त सेनेटाईजर कहां बना है और उसकी गुणवत्ता क्या है इसका कोई ठिकाना नही.
शिकायत सही पाये जाने पर एसडीएम के निर्देश पर दुकान को सील कर औषधि नियंत्रण के तहत् कार्यवाही करने के लिये एसडीएम द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही साथ एसडीएम ने शहर में संचालित सभी मेडिकल स्टोर के संचालकों को इस बात के निर्देश दिये हैं कि वे अपनी अपनी दुकान के बाहर सेनेटाईजर, मास्क ऑक्सीमीटर का रेट बाहर दीवार पर लगायें. इसके साथ ही उक्त मेडिकल स्टोर पर ₹20000 का जुर्माना भी किया गया है।
