अनोखा है भूतेश्वर शिवलिंग, जहाँ हर साल बढ़ रहा आकार
महाशिवरात्रि पर भूतेश्वर शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की लगती हैं भीड़
शिवलिंग की ऊंचाई वर्तमान में 65 फीट
रायपुर गरियाबंद / newspage13.com / छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में विशालतम शिवलिंग में शामिल भूतेश्वर महादेव मंदिर में सावन मास के मौके में श्रद्धालुओं का तांता लग रहा हैं। सावन मास के प्रथम सोमवार से ही हजारों श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने को पहुंच रहे हैं।
भूतेश्वर महादेव मंदिर इस क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जहां सावन मास के मौके पर दूर-दूर से लोग भगवान भोलेनाथ को दर्शन करने के लिए आते हैं। हर वर्ष यहाँ महाशिवरात्रि के मौके पर मेले का आयोजन भी किया जाता है। भूतेश्वर महादेव मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जानकारों के मुताबिक इस शिवलिंग की ऊंचाई वर्तमान में 65 फीट है।
आपको बता दे कि 12 ज्योतिर्लिंगों की तरह छत्तीसगढ़ में एक अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग भूतेश्वर महादेव के नाम से विख्यात है। यह शिवलिंग हर साल बढ़ता जा रहा है। यहां हर वर्ष दूर-दराज से भक्त आकर महादेव की आराधना करते हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व जमींदारी प्रथा के समय पारागांव निवासी शोभासिंह जमींदार की यहां पर खेती-बाड़ी थी। शोभा सिंह शाम को जब अपने खेत में घूमने जाता था तो उसे खेत के पास एक विशेष आकृति नुमा टीले से सांड के हुंकारने (चिल्लाने) व शेर के दहाडऩे की आवाज आती थी। उसने यह बात ग्रामीणों को बताई। ग्रामवासियों ने भी शाम को वहीं आवाजें सुनी। सांड और शेर की तलाश की गई लेकिन दूर-दूर तक कोई जानवर के नहीं मिलने पर इस टीले के प्रति लोगों की श्रद्धा बढऩे लगी। लोग इस टीले को शिवलिंग के रूप में मानने लगे।
पारागांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप में था। धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई व गोलाई बढ़ती गई। जो आज भी जारी है। शिवलिंग में प्रकृति प्रदत जललहरी भी दिखाई देती है। जो धीरे-धीरे जमीन के ऊपर आती जा रही है। यही स्थान आज भूतेश्वरनाथ, भकुर्रा महादेव के नाम से जाना जाता है। छत्तीसगढ़ी में हुकारने को भकुर्रा कहते हैं।