आदि शक्ति की आराधना के लिए नवरात्र के 9 दिन बहुत खास होते हैं। इन दिनों मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। नवरात्रि के समय जो लोग नवरात्रि व्रत और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, वे लोग मिट्टी के बर्तन में जौ भी बो देते हैं। इस दौरान उगाने वाली जौ हमें अपने आने वाले समय की ओर भी संकेत करती है।
जानकारों के अनुसार हमारे धर्मग्रन्थों के मुताबिक माना जाता है जब सृष्टि की शुरूआत हुई थी तो पहली फसल जौ ही थी। यही कारण है जब भी किसी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर जो जौ उगाई जाती है वह भविष्य से संबंधित कुछ बातों के संकेत हमें प्राप्त होते हैं।
- साधारण तौर पर 2-3 दिनो में बोया गया जौ अंकुरित हो जाता है, लेकिन अगर यह न उगे तो भविष्य में आपके लिए अच्छे संकेत नहीं है यानि कि आपको कड़ी मेहनत करने के बाद ही फल की प्राप्ति होगी।
- अगर उगने वाला जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो इसका मतलब आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा।
- अगर वहीं जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला हो तो इसका अर्थ है कि आपका साल का शुरूआती समय अच्छे से बीतेगा, लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
- अगर आपके द्वारा बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर ऐसा होता है तो यह मान लिया जाता है कि पूजा सफल हो गयी। आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा।