सुरजपुर/भटगांव:– एसईसीएल भटगांव क्षेत्र पिछले कई महीनों से लगातार सुर्खिया बटोर रहा है जहा मानों भटगांव एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में जिम्मेदारों ने भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना दिया है जहां चोरी छिपे वन विभाग के भूमि का कोयला खदान से कोयला का उत्पादन कोई नई बात नहीं है भटगांव एसईसीएल महाप्रबंधक द्वारा शिवानी भूमिगत परियोजना मे 9L (नौ लेवल) से बिना अनुमति कई माह तक वन विभाग के जमीन से चोरी छिपे कोयला का उत्खनन कराया गया था। ठीक वैसे ही अब भटगांव कोयला खदान में प्रतिदिन नियम विरुद्ध कार्य व चोरी छिपे और बिना अनुमति के यहां वहा से कोयला उत्खनन कराया जाना चिंताजनक व प्रबंधन की खुलेआम दादागिरी को दर्शाता है। भटगांव के खान के 7LS (सात लेवल साउथ) के 16R (सोलह राईज) से पूर्व में भी बेल्ट बेठाकर कोयला निकालने का असफल प्रयास हुआ था।
प्रबंधन DGMS के फटकार के बाद कुछ माह तक कहां कार्य बंद कर लोगों को यह दिखाने का प्रयास कर रही थी कि वहां अब कार्य बंद रहेगा परंतु अभी पुनः सभी मशीन व उपकरण बेल्ट इंटालेशन आदि 16R (सोलह राईज) में प्रारंभ किया जा रहा तथा वहा पर 3000 मेट्रिक टन रिर्जव कोयले जो कि वन विभाग की भूमि पर स्थापित है उसे महाप्रबंधक एसईसीएल भटगांव और सहक्षेत्रीय प्रबंधक एसईसीएल भटगांव 1/2 खदान द्वारा निकालने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। इनके अलावा सहक्षेत्रीय प्रबंधक एसईसीएल भटगांव 1/2 खदान में 36D (छत्तीस डीप) ऊपर व नीचे दो पैनल बिना किसी अनुमति के कई माह से चलाया जा रहा है व प्रतिदिन कोयला के साथ भारी मात्रा में पत्थर मिलवा कर खान के अंदर से ही उत्पादन कराया जा रहा है।
7LS/UPP (सात लेवल साउथ/यूपीपी) पैनल से तो केवल पत्थर ही उत्पादन कराया जा रहा है वहा पर तो कोयला है ही नहीं जो कई वर्षो से वहा कोयला के स्थान पर पत्थर ही उत्पादन कराया जा रहा है।
7LS/UPP (सात लेवल साऊथ) ऊपरी तल्ला में प्रतिदिन ब्लास्टिंग का कार्य होत है जहाँ कोयला नाम मात्र है जहा पत्थर ही कोयला के रूप में उत्पादन जा रहा और वाहवाही प्रबंधन फ्री में ले रही हैं यही स्थिति 36D/UPP में भी है। पत्थरों में ब्लास्टीग कराकर बेल्ट के मध्यम से पत्थरों को सीएचपी तक भेज कोयले में मिलावट कराकर कोयले के रूप में उत्पादन करा रही है प्रबंधन।