चिरमिरी।छत्तीसगढ़ के चिरमिरी नगर निगम के आगामी चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी अब चरम पर पहुंच चुकी है। 7 जनवरी को नगर निगम चुनाव के आरक्षण की प्रक्रिया समाप्त हो गई, और इसके साथ ही राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। खासकर, चिरमिरी नगर निगम की सीट इस बार सामान्य घोषित की गई है, जो 2019 में महिला आरक्षित थी। इसके चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियों के नेताओं के बीच मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
चिरमिरी नगर निगम का राजनीतिक इतिहास
2019 में चिरमिरी नगर निगम की महापौर कंचन जायसवाल थीं, जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतीं। इस बार हालांकि कंचन जायसवाल के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना कम मानी जा रही है, और इसके बजाय उनके पति, पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा जोरों पर है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन यह सियासी हलकों में सुगबुगाहट का कारण बन चुका है।
चिरमिरी नगर निगम में होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से कई दावेदार मैदान में आ गए हैं, जिनमें से कुछ नेताओं की दावेदारी तो साफ नजर आ रही है, जबकि कुछ संभावित दावेदार हैं जिनकी घोषणा पार्टी के सर्वे और आंतरिक चर्चा के बाद हो सकती है।
भा.ज.पा. के संभावित उम्मीदवार
भा.ज.पा. में कई मजबूत दावेदारों के नाम उभरकर सामने आए हैं, जिनमें संगठन के प्रभावशाली नेता, युवा मोर्चा के पदाधिकारी और पूर्व महापौर शामिल हैं।
- कीर्ति वासु:
भा.ज.पा. संगठन के सक्रिय नेता और पूर्व नेता-प्रतिपक्ष कीर्ति वासु की दावेदारी इस चुनाव में प्रमुख मानी जा रही है। उत्कल समाज से आने के कारण इनकी स्थानीय जनसमर्थन में खासी ताकत है। वासु की राजनीति में दीर्घकालिक सक्रियता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। - संजय सिंह:
युवा मोर्चा से उभरे संजय सिंह का नाम भी चर्चा में है। वे संगठन के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और उनके कार्यक्षेत्र में प्रभावी रहते हुए चुनावी मैदान में अपनी जगह बना चुके हैं। हालांकि पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, फिर भी इस बार उन्हें भाजपा से एक और मौका मिल सकता है। - डमरू बेहरा:
पूर्व महापौर और भाजपा संगठन के अनुभवी नेता डमरू बेहरा भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं। कई चुनावों में उनकी सक्रिय भूमिका और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से करीबी संबंध उन्हें चुनावी मैदान में एक मजबूत दावेदार बनाते हैं। हालांकि वे इस बार महापौर के उम्मीदवार के रूप में कितने प्रभावी होंगे, यह पार्टी के निर्णय पर निर्भर करेगा।
कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी भी इस बार चिरमिरी नगर निगम चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है। कई अनुभवी और युवा नेताओं के नाम चर्चा में हैं, जिनमें से कुछ नाम स्पष्ट हैं और कुछ का निर्णय सर्वे और पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा।
- डॉ. विनय जायसवाल:
पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल का नाम चिरमिरी नगर निगम के महापौर पद के लिए सबसे प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। उनकी पत्नी कंचन जायसवाल ने महापौर पद पर रहते हुए अच्छा काम किया था, और अब उनके समर्थक चाहते हैं कि डॉ. विनय जायसवाल इस बार महापौर बनें। उनका राजनीतिक अनुभव और संगठन में प्रभाव उन्हें इस चुनाव में एक मजबूत दावेदार बनाता है। - डमरू रेड्डी:
पूर्व महापौर और उत्कल समाज से जुड़े डमरू रेड्डी की दावेदारी भी काफी मजबूत मानी जा रही है। उन्होंने कांग्रेस संगठन के विभिन्न पदों पर काम किया है और युवाओं में उनकी खासी लोकप्रियता है। एक बार निर्दलीय चुनाव जीतकर उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास भी कराया है। - बलदेव दास:
कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ नेता और समाज में अच्छा व्यक्तित्व रखने वाले बलदेव दास भी महापौर पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। वे कई चुनावों में संगठन के जिम्मेदार पदों पर रहे हैं और उनका स्थानीय प्रभाव भी अहम हो सकता है। - गायत्री सिंह:
कांग्रेस की महिला नेता गायत्री सिंह का नाम भी महापौर पद के लिए चर्चा में है। वे तीन बार पार्षद रह चुकी हैं और संगठन में कई दायित्व निभा चुकी हैं। कांग्रेस संगठन में उनकी पकड़ और विरोधियों से बेदाग छवि उन्हें इस बार मौका दिला सकती है। - शिवान्स जैन:
निगम के एमआईसी सदस्य शिवान्स जैन भी महापौर पद के उम्मीदवारों में शामिल हो सकते हैं। युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ है और यदि पार्टी विरोध से बचकर उन्हें अवसर देती है, तो वे भी चुनावी मैदान में अपने प्रभाव का लोहा मना सकते हैं।
राजनीतिक समीकरण और चुनौतियाँ
चिरमिरी नगर निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के सामने चुनौतियाँ होंगी। सबसे बड़ी चुनौती टिकट वितरण में आ सकती है, जहां एक ही पार्टी के भीतर कई दावेदारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। ऐसे में पार्टी नेतृत्व को स्थानीय मुद्दों, जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की पॉपुलैरिटी के आधार पर निर्णय लेना होगा।
स्थानीय मुद्दे और चुनावी रणनीति
चुनाव में उम्मीदवारों को अपनी चुनावी रणनीति के तहत स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। चिरमिरी नगर निगम में पिछले पांच सालों में हुए विकास कार्य, महापौर कंचन जायसवाल के कार्यकाल की समीक्षा, और शहर के प्रशासनिक मुद्दे अहम होंगे। इसके अलावा, महिला और युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता बनाने के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता होगी।
आखिरकार, यह चुनाव स्थानीय नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाला है, और पार्टी नेतृत्व को यह तय करना होगा कि कौन सा उम्मीदवार इस चुनौती को सही तरीके से स्वीकार कर सकता है और नगर निगम के विकास की दिशा में एक नई पहल ला सकता है।