रायपुर। राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित मंत्री बंगला क्रमांक C-2 इन दिनों सुर्खियों में है। भाजपा सरकार बनने के बाद यह बंगला स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को आवंटित किया गया, लेकिन जब उन्होंने बंगले का निरीक्षण किया, तो वहां से कीमती सरकारी सामान गायब मिला! मामला गरमाया और आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी।
लोक निर्माण विभाग (PWD) से मिली सूचना के मुताबिक, यह बंगला पहले कांग्रेस सरकार में पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया के पास था। सवाल यह है कि जब उन्होंने बंगला छोड़ा, तब यह सामान था या नहीं? अगर था, तो बाद में चोरी कैसे हो गई? और अगर पहले ही गायब था, तो अन्नपति प्रमाण पत्र (No Dues Certificate) किस आधार पर जारी किया गया?
RTI से खुली परतें, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
RTI कार्यकर्ता मिश्रा ने इस गड़बड़ी की शिकायत सिविल लाइन थाना, रायपुर में दर्ज कराई, लेकिन जब पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती, तो उन्होंने मामला न्यायालय में घसीट दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) आकांक्षा बेक ने पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
अब तक जांच के मुख्य बिंदु:
✅ पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बंगला खाली करने के बाद सामान था या पहले ही गायब हो चुका था?
✅ लोक निर्माण विभाग ने बिना जांच किए अन्नपति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया?
✅ यह वास्तव में चोरी है या सरकारी सामान को सोच-समझकर हटा दिया गया?
✅ मीडिया द्वारा एकत्रित वीडियो और बाइट्स क्या साबित कर सकते हैं?
✅ अगर चोरी हुई, तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है?
न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस को अब इस मामले में तेजी से जांच करनी होगी। सवाल यह है कि क्या लोक निर्माण विभाग की लापरवाही सामने आएगी या इसमें किसी बड़े नेता का हाथ है? फिलहाल, यह मामला रायपुर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। देखते हैं, सरकारी बंगले में चोरी की यह गुत्थी कब सुलझती है!