Sunday, June 29, 2025
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छत्तीसगढ़ में 411 करोड़ का बड़ा घोटाला: पांच अधिकारी EOW की रिमांड पर, 28 मार्च तक पूछताछ जारी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में 411 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में पांच वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी आरोपियों को 7 दिन की EOW रिमांड पर भेज दिया है। 28 मार्च तक इनसे गहन पूछताछ की जाएगी।

ये हैं गिरफ्तार अधिकारी

गिरफ्तार किए गए पांच अधिकारियों में शामिल हैं:

  1. वसंत कुमार कौशिक — महाप्रबंधक (उपकरण)
  2. डॉ. अनिल परसाई — डिप्टी डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट
  3. कमलकांत पाटनवार — जीएम (उपकरण)
  4. छिरौंद्र रावटिया — स्टोर कीपर
  5. दीपक कुमार बांधे — बायोमेडिकल इंजीनियर

घोटाले का खुलासा

EOW की जांच में यह सामने आया है कि मेडिकल उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। मामूली कीमत वाले उपकरणों को कई गुना महंगे दाम पर खरीदा गया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ।

  • EDTA ट्यूब, जिसकी बाजार में कीमत केवल 8 रुपये है, उसे 2,352 रुपये में खरीदा गया।
  • सीबीसी मशीन, जिसकी सामान्य कीमत 5 लाख रुपये है, उसे 17 लाख रुपये में खरीदा गया।
  • बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की गई।

कैसे हुआ घोटाला?

सूत्रों के अनुसार, कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर उपकरण खरीदे गए। यह भी खुलासा हुआ है कि खरीद प्रक्रिया में बिचौलियों की भूमिका थी, जिन्होंने अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके घोटाले को अंजाम दिया।

IAS अधिकारी भी जांच के दायरे में

इस घोटाले में तीन IAS अधिकारियों को भी संदेह के दायरे में लाया गया है।

  • भीम सिंह — तत्कालीन MD, CGMSC
  • चंद्रकांत वर्मा — स्वास्थ्य विभाग में उच्च पद पर तैनात
  • पद्मिनी भोई — वर्तमान MD, CGMSC

EOW ने इन तीनों अधिकारियों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। माना जा रहा है कि इनसे भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी।

क्या है EOW की रणनीति?

EOW की टीम अब वित्तीय लेनदेन और संपत्ति का ब्योरा खंगालने में जुट गई है। गिरफ्तार अधिकारियों से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि जिन कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया, उनके मालिक कौन हैं।

28 मार्च तक खुल सकते हैं कई राज

28 मार्च तक की रिमांड के दौरान EOW की टीम यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि घोटाले की जड़ कहां तक फैली है। सूत्रों का कहना है कि आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, साथ ही कुछ और गिरफ्तारियां भी संभव हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

इस घोटाले को लेकर राज्य सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

CGMSC में हुआ 411 करोड़ का यह घोटाला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है। EOW की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें जुड़े बड़े नाम सामने आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जांच का अंत कहां तक पहुंचता है और कितने और चेहरे बेनकाब होते हैं।


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