रायपुर।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लंबे इंतज़ार के बाद संगठन सृजन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई अहम बैठक में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव से 41 जिलों के संगठन को लेकर रायशुमारी की।
बैठक में जिलाध्यक्षों के प्रदर्शन की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, जिन जिलाध्यक्षों का कार्यकाल संतोषजनक रहा, उन्हें दोबारा मौका मिलने की पूरी संभावना है।
टी.एस. सिंहदेव ने बैठक के बाद कहा—
“मैंने सभी जिलों का फीडबैक दिया है। जिनकी परफॉर्मेंस बेहतर रही है, उन्हें रिपीट किया जा सकता है। चर्चा ‘उदयपुर फार्मूले’ के तहत हुई है।”
संगठन को लेकर दिल्ली में घंटों चली कवायद
कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर बनी ऑब्जर्वर टीम ने छह-छह नामों के पैनल को हाईकमान के समक्ष रखा है। कई बड़े जिलों में एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे सूची पर अंतिम मुहर फिलहाल टल गई है।
जानकारी के मुताबिक, रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर और धमतरी जैसे जिलों में दावेदारों के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है।
इन नामों पर चल रही चर्चा
रायपुर शहर से: सुबोध हरितवाल, दीपक मिश्रा, श्रीकुमार मेनन, संजीव शुक्ला
रायपुर ग्रामीण: प्रवीण साहू, पप्पू बंजारे, नागभूषण राव, भावेश बघेल
रायगढ़: संजय देवांगन, अरुण गुप्ता, शाखा यादव, आशीष जायसवाल, राकेश पांडेय, नारायण घोरे, आशीष शर्मा
धमतरी: तारिणी चंद्राकर, नीशू चंद्राकर, गुरुमुख सिंह होरा, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, आनंद पवार
बिलासपुर शहर: महेश दुबे, शैलेश पांडेय, शिवा मिश्रा, सिद्धांशु मिश्रा, विनोद साहू
बिलासपुर ग्रामीण: आशीष सिंह ठाकुर, प्रमोद नायक, राजेंद्र साहू, लक्ष्मीनाथ साहू, दिलीप लहरिया
‘कुंभकरण की सेना’ पर तंज, कांग्रेस का पलटवार
इस पूरी कवायद पर सियासत भी गर्म हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कांग्रेस पर चुटकी ली—
“कांग्रेस दो साल से जिलाध्यक्षों की सूची तैयार कर रही है, ऐसा लग रहा जैसे कुंभकरण की सेना बना रही हो। इतनी लेटलतीफी क्यों?”
उनके बयान पर टी.एस. सिंहदेव ने पलटवार किया—
“सो तो सरकार रही है, जो काम नहीं कर पा रही। कांग्रेस नहीं, सरकार ही कुंभकरण बनी हुई है।”
अब नजर हाईकमान के ऐलान पर
अब प्रदेश कांग्रेस में सभी की निगाहें हाईकमान के अंतिम निर्णय पर टिकी हैं।
नई टीम के ऐलान के साथ ही संगठन की दिशा और कांग्रेस की रणनीति दोनों तय होंगी।
बदलाव की इस आहट के बीच पार्टी के भीतर हलचल तेज़ हो गई है —
कौन बनेगा जिलाध्यक्ष, इसका जवाब आने वाले कुछ दिनों में मिल जाएगा।
