स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने cipc प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद लिया निर्णय
रायपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश पर अब तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा सेंट्रल इंडिया प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के उपरांत लिया गया। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि मीडिया का सम्मान उनकी दृष्टि में सर्वोपरि है और बिना संवाद के कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा।
गौरतलब है कि 13 जून 2025 को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज परिसरों में मीडिया कवरेज के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी गई थी। इस आदेश के खिलाफ मीडिया जगत में तीव्र विरोध देखा गया। पत्रकार संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार बताते हुए विरोध दर्ज कराया।

इसी क्रम में बुधवार को सेंट्रल इंडिया प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री से भेंट कर अपनी आपत्तियाँ रखीं। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविकता और आम जनता के सरोकारों से जुड़ी खबरों को कवर करने से रोकना, पारदर्शिता की भावना के विपरीत है।
प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा, “मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उसकी भूमिका को सीमित करना सरकार की नीति नहीं है। जब तक विभागीय सचिव विदेश यात्रा से लौटकर स्पष्ट स्थिति नहीं रखते, तब तक इस आदेश को स्थगित किया जाता है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह के किसी भी आदेश को लागू करने से पूर्व मीडिया प्रतिनिधियों से विमर्श और राय ली जाएगी।
पत्रकार संगठनों ने जताया संतोष
स्वास्थ्य मंत्री के इस निर्णय का पत्रकार संगठनों ने स्वागत किया है। cipc के अध्यक्ष ने कहा कि यह लोकतांत्रिक संवाद और मीडिया की स्वतंत्रता की जीत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार भविष्य में भी संवाद और सहमति की राह पर चलेगी।
विवादित आदेश की पृष्ठभूमि
13 जून को जारी आदेश में कहा गया था कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया को शासकीय चिकित्सा संस्थानों में रिपोर्टिंग या वीडियो शूटिंग से पहले संस्था प्रमुख से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। इसी आदेश को लेकर मीडिया जगत में उबाल आया था।