मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 जून को होंगे रिटायर, दिल्ली में सुब्रत साहू और पिंगुआ के नाम पर विचार, 1 से 3 जुलाई के बीच हो सकती है नियुक्ति की घोषणा
रायपुर/
छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा में बड़ा बदलाव होने वाला है। राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? इसको लेकर दिल्ली में गहन मंथन जारी है, और दो वरिष्ठ अधिकारियों — सुब्रत साहू और पी. अरुण पिंगुआ — के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय और कार्मिक मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के बीच लगातार चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि 1 से 3 जुलाई के बीच नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया जाएगा, ताकि प्रशासनिक कार्यों में कोई शून्यता न आए।
कौन हैं अमिताभ जैन?
अमिताभ जैन, 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। वे जनवरी 2021 से राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
वे छत्तीसगढ़ के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य सचिवों में से एक माने जा रहे हैं।
वित्त, योजना, ऊर्जा, नगरीय प्रशासन जैसे प्रमुख विभागों में लंबा अनुभव रखने वाले जैन को प्रशासनिक निर्णयों में संतुलित रवैये के लिए जाना जाता है।
उनके कार्यकाल में राज्य में कोरोना प्रबंधन, प्रशासनिक पुनर्गठन, और बजट निर्माण जैसे अहम मोर्चों पर सक्रिय भूमिका रही।
अब रेस में कौन-कौन?
- सुब्रत साहू (IAS, 1992 बैच)
वर्तमान में ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE), निर्वाचन आयोग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन, कृषि जैसे विभागों में सेवा का लंबा अनुभव।
सुब्रत साहू को जमीनी प्रशासन का विशेषज्ञ माना जाता है। उन्होंने कई जिलों में कलेक्टर के रूप में कार्य किया है।
2018 के विधानसभा चुनावों में सफल चुनाव प्रबंधन के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
- पी. अरुण पिंगुआ (IAS, 1994 बैच)
फिलहाल केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं।
जनजातीय मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
उनकी छवि एक सख्त लेकिन नीति-समर्थ अधिकारी के रूप में है।
केंद्र और राज्य दोनों में सेवा का अनुभव रखने वाले पिंगुआ को प्रशासनिक दक्षता और राष्ट्रीय परियोजनाओं में बेहतर समन्वय के लिए जाना जाता है।
प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि राज्य सरकार अनुभव और स्थायित्व को प्राथमिकता दे सकती है। सुब्रत साहू की वरिष्ठता और छत्तीसगढ़ में लंबे समय से मौजूदगी उनके पक्ष में जा सकती है। दूसरी ओर, पिंगुआ को दिल्ली दरबार का समर्थन मिलने की चर्चा है, जो उन्हें केंद्रीय लॉबी में मजबूत बनाता है।
सिर्फ मुख्य सचिव नहीं, DGP की नियुक्ति भी बाकी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्थायी पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति भी लंबित है। ऐसे में संभावना है कि मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों की नियुक्ति एक साथ की जा सकती है, जिससे राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को स्थायित्व मिल सके।
अगले कुछ दिन निर्णायक
30 जून को अमिताभ जैन के सेवानिवृत्त होते ही नए मुख्य सचिव की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी, इस पर प्रदेश की नजरें टिकी हैं। राज्य की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है। नए मुख्य सचिव के चयन से यह भी तय होगा कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक दिशा किस ओर जाएगी।