रिपोर्ट / मुकेश विश्वकर्मा / 9981361600
पेंड्रा / इंसानियत को शर्मसार करने का आज एक मामला सामने आया जिसमे समाज का अमानवीय चेहरा पेंड्रा में देखने को मिला। जहा पर एक तीन साल बच्ची की निमोनिया से मौत हो गई और मृत बच्ची को शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ और परिजन मृत बच्ची का शव लेकर पेंड्रा से मरवाही के तेन्दुमुडा के लिए पैदल ही निकल पड़े।
दरअसल पूरा मामला आदिवासी बाहुल्य विकासखंड मरवाही के तेन्दुमुडा गांव से जुड़ा हुआ है जहा रहने वाले वर्मा परिवार की तीन साल की बेटी अंजली वर्मा कुछ दिनों से निमोनिया बीमारी से ग्रसित थी और कुछ दिन पहले ही पेंड्रा में अंजली के परिजन उसे इलाज के लिए ले के आए थे जिसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों को अंजलि की हालात गंभीर होने की जानकारी देते हुए अंजली को बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर ले जाने की सलाह दिए पर परिवार की माली हालात ठीक नहीं थी और ना ही अंजली के परिजनों के पास स्मॉर्ट कार्ड और ना ही राशन कार्ड था।जिसके वजह से अंजली के परिजन अंजली को इलाज के लिए बिलासपुर नहीं ले जा सके और सोमवार को सुबह पेंड्रा लेकर आ गए जहा पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ देवेन्द्र पैकरा के निजी क्लीनिक ले जा कर बच्ची का इलाज शुरू कराया इलाज के दौरान डॉ साहब भी क्लीनिक में नहीं थे क्लीनिक में जो स्टॉप थे उन्होंने गंभीर रूप से निमोनिया बीमारी से ग्रसित अंजली का इलाज शुरू किया ही था की उसी दौरान अंजली की मौत हो गई और कुछ देर के बाद परिजन बच्ची का शव लेकर पेंड्रा के बस स्टेण्ड पहचे और मरवाही जाने वाली बस का इंतजार करने लगे बस भी आई पर माँ बाप की रोता चेहरा देखकर समझते देर नहीं लगा की उनका बच्चा मृत है और बस वालो ने इन्हे बस से उतार दिया जिसके बाद अब परिजनों के पास ना ही पैसा था और तेंदूमुड़ा मरवाही जाने का साधन जिसके बाद अपनी मृत बच्ची का शव लेकर मृतक के पिता विजय वर्मा आगे आगे और मृतक की माँ रीता वर्मा पीछे पीछे बैग पकडे जा रहे थे और कुछ दूर पैदल चलने के बाद एक पेंड के नीचे बैठकर रो रहे थे और अपनी गरीबी को कोष रहे थे।ये लोग मुख्य मार्ग पर बैठ कर रो रहे थे पर इनके पास रूककर इनका दर्द बाटने और मदद करने वाला कोई नहीं रुका।हां कुछ लोग रुके पर सिर्फ तमास बीन बनकर।कुछ देर सुस्ताने के बाद परजन फिर बच्ची का शव लेकर फिर मरवाही के लिए पैदल चलना शुरू ही किये थे उस दौरान रास्ते से गुजर रहे दो मिडिया कर्मियों की नजर इन लोगो पर पड़ी और मिडिया कर्मियो को समझते देर नहीं लगा की आखिर मामला क्या। मीडियाकर्मी तत्काल पीड़ित परिवार को अस्वासन दिया की आप को जल्द से जल्द आपके घर पहुचा दिया जाएगा और उसके बाद मीडियाकर्मियों ने अपनी एक बाइक में मृत बच्ची का शव रखकर उसके पिता बैठे और दूसरे बाइक पे मृत बच्ची की माँ को बैठकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आए और BMO पेंड्रा को घटना की जानकारी जिसके बाद 1099 मुक्तांजलि शव वाहन के लिए प्रयास किया गया लेकिन शव वाहन में 1 घंटे का समय लगने की जानकारी मिली जिसके बाद अस्पताल में ही चलने वाली एक बोलेरो वाहन की तत्काल व्य्वस्था कर मृत बच्ची का शव और उनके परिजनों को मरवाही के लिए रवाना किया गया।