
रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है।
बुधवार को वे तीसरी बार पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनसे घंटों तक पूछताछ की गई। इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में उनके बेटे का नाम भी आरोपी के रूप में सामने आया है, लेकिन फिलहाल उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में राज्य सरकार के आबकारी विभाग और शराब व्यापारियों के बीच मिलीभगत का आरोप है। ईडी के मुताबिक, यह घोटाला हजारों करोड़ रुपये का है, जिसमें अवैध शराब की बिक्री और कमीशन के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है। मामले की जांच में यह खुलासा हुआ है कि शराब लाइसेंस के वितरण और बिक्री में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन किया गया।
ईडी ने पहले भी कई अधिकारियों और व्यापारियों से पूछताछ की थी। पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान इस घोटाले को बढ़ावा मिला। ईडी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया।
कोर्ट ने 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा
गिरफ्तारी के बाद कवासी लखमा को कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने अदालत से रिमांड की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए उन्हें 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने बताया कि उन्हें घोटाले से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब और सबूत जुटाने के लिए समय चाहिए।
राजनीतिक हलचल तेज
इस गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ विपक्ष ने तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। भाजपा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
कवासी लखमा का पक्ष
गिरफ्तारी से पहले कवासी लखमा ने खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने कहा था कि यह राजनीतिक साजिश है और वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
ईडी की आगे की कार्रवाई
ईडी अब इस मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। माना जा रहा है कि इस घोटाले में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।