चिरमिरी। राजनीति के खेल में कब कौन बाज़ी पलट दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। एमसीबी जिले के चिरमिरी नगर निगम चुनाव में भाजपा ने ऐसा नाम चुना है, जिसने शहर की राजनीति में भूचाल ला दिया है। चार वोट वाले पार्षद उम्मीदवार रामनरेश राय अब भाजपा के महापौर उम्मीदवार बन गए हैं। जनता कह रही है, “क्या ये चुनाव है या राजनीति का नया रियलिटी शो?”
चौंकाने वाला चेहरा:
भाजपा ने 40 से ज्यादा दावेदारों की भीड़ के बीच रामनरेश राय को चुना। राय जी पेशे से अधिवक्ता हैं और भाजपा विधि प्रकोष्ठ में अपनी सेवा दे चुके हैं। लेकिन कहानी का दिलचस्प हिस्सा यह है कि एक समय वह निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़े थे और उन्हें सिर्फ चार वोट मिले थे। अब भाजपा ने उन्हें महापौर की कुर्सी का दावेदार बना दिया है।
सामान्य सीट पर ओबीसी कार्ड:
चिरमिरी नगर निगम में महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है, लेकिन भाजपा ने यहां ओबीसी चेहरे को उतारा है। क्या यह कदम पार्टी की शाख बचाएगा या नई राजनीतिक बहस को जन्म देगा?
मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर:
यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का गृह जिला और विधानसभा क्षेत्र भी है। पार्टी के इस फैसले ने मंत्री की प्रतिष्ठा को भी दांव पर लगा दिया है। हालांकि, जायसवाल जी का कहना है, “मेरी प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी नहीं है। जनता कांग्रेस को आटे-दाल का सही भाव बताएगी।”
भाजपा की रणनीति या ‘सस्पेंस थ्रिलर’?
रामनरेश राय ने टिकट मिलने के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचकर खुशी जताई। कार्यकर्ताओं और मंत्री जायसवाल ने उन्हें बधाई दी। जनता अब इस सवाल का जवाब चाहती है: क्या यह भाजपा की सधी हुई रणनीति है या राजनीति का नया ‘सस्पेंस थ्रिलर’?
अब नजरें जनता पर:
यह देखना दिलचस्प होगा कि चिरमिरी की जनता चार वोट वाले पार्षद को महापौर बनाने के भाजपा के फैसले पर क्या जवाब देती है। क्या यह कदम पार्टी के लिए वरदान साबित होगा या विपक्ष को फायदा पहुंचाएगा? जवाब जल्द ही सामने होगा।