रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी नगर निगम चुनाव में बड़ा उलटफेर हो गया है। कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द कर दिया गया है। बीजेपी ने उन पर निगम ठेकेदार और लाभार्थी होने का आरोप लगाया था, जिसे रिटर्निंग ऑफिसर ने सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने हंगामा खड़ा कर दिया है और सीधे सरकार पर निशाना साधा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि धमतरी कलेक्टर पर सरकार का दबाव था। उन्होंने दावा किया कि सीएम हाउस से कलेक्टर को फोन किया गया था और इसी दबाव में नामांकन रद्द किया गया। बैज ने सरकार से मांग की कि कलेक्टर की कॉल डिटेल सार्वजनिक की जाए, ताकि सच्चाई सबके सामने आए।
बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस खुद की गलती छिपा रही!
उधर, बीजेपी ने कांग्रेस पर करारा तंज कसते हुए कहा कि खुद अपात्र लोगों को टिकट देने के बाद अब बहाने बनाए जा रहे हैं। बीजेपी विधायक सुनील सोनी ने कहा, “कांग्रेस खुद आरोप लगा रही थी कि पैसे लेकर टिकट बांटे जा रहे हैं। अब जब नामांकन रद्द हुआ है, तो इसमें साजिश कैसी?”
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस पहले ही जानती थी कि उनके उम्मीदवार अपात्र हैं, लेकिन फिर भी टिकट दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब अपनी अंदरूनी गुटबाजी से बाहर निकलकर जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
चार वार्डों में पार्षद निर्विरोध चुने गए
इस बीच, छत्तीसगढ़ में चार वार्डों में बिना मतदान के ही पार्षद चुन लिए गए हैं। बिलासपुर और दुर्ग नगर निगम से एक-एक, जबकि कटघोरा नगर पालिका से दो पार्षद निर्विरोध चुने गए। यहां बीजेपी और कांग्रेस के अलावा कोई अन्य दल या निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा था।
अब देखना दिलचस्प होगा कि धमतरी में कांग्रेस की रणनीति क्या होगी? क्या विजय गोलछा के नामांकन को लेकर कोई कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी या फिर कांग्रेस नया चेहरा मैदान में उतारेगी? वहीं, बीजेपी इस मुद्दे को लेकर आक्रामक मूड में है और कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश कर रही है।