रायपुर/बस्तर, 24 जुलाई।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ जारी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार को एक ही दिन में कुल 66 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर कुल ₹2.54 करोड़ का इनाम घोषित था। समर्पण करने वालों में 25 लाख के इनामी माओवादी नेता रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश जैसे शीर्ष कमांडर भी शामिल हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, समर्पण करने वाले नक्सलियों में बीजापुर से 25, दंतेवाड़ा से 15, कांकेर से 13, नारायणपुर से 8 और सुकमा से 5 नक्सली शामिल हैं। सभी ने हथियार छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा, “नक्सलवाद की रात अब ढल रही है, और बस्तर में विकास की नई सुबह हो रही है। यह हमारी सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति और डबल इंजन सरकार के सुशासन का परिणाम है।”
उन्होंने बताया कि बीते 18 महीनों में कुल 1,570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह इस बात का संकेत है कि सरकार की नीतियां ज़मीन पर असर दिखा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आत्मसमर्पण की इस लहर के पीछे न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति है, बल्कि सरकार द्वारा बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का भी अहम योगदान है।
सरकार की “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” नीति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बेहतर जीवन जीने के लिए हरसंभव सहायता दी जाएगी।
