Monday, January 13, 2025
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छत्तीसगढ़ CM फैसला, दिल्ली गए विधायक, सुबह राहुल गांधी के साथ फिर होगी बैठक

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रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार के दो शक्ति केंद्रों के बीच सत्ता संग्राम का अंत होता नहीं दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बदले जाएंगे या भूपेश बघेल इस पद पर कायम रहेंगे इस बात का फैसला कल या आने वाले 2-3 दिन में होगा यह तय हो गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के 35 मंत्री-विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कल सुबह दिल्ली जा रहे हैं। कल उनकी राहुल गांधी से मुलाकात तय है। सोनिया गांधी के साथ भी बैठक की संभावना जताई जा रही है।

प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है। कल उनकी मुलाकात होगी। पार्टी आलाकमान अथवा किसी भी नेता ने विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है, विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है। वे खुद भी विधायक हैं और पार्टी से इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। मरकाम आज मरवाही के दौरे पर थे। कल कोटा और पंडरिया में उनका कार्यक्रम तय है।

उधर सिंहदेव बोले – टीम का हर खिलाड़ी कप्तान बनने की सोचता है

दिल्ली में प्रेस से चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, “पार्टी ने 2.5 साल के फॉर्मूले पर कभी बात नहीं की। यह सिर्फ एक मीडिया कयास था कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुने जाने पर क्या ऐसा कोई फॉर्मूला बनता है। हाईकमान पार्टी में लोगों की भूमिका तय करता है और हम उन जिम्मेदारियों को निभाते हैं। सिंहदेव ने कहा, अगर कोई व्यक्ति किसी टीम में खेलता है तो क्या वह कप्तान बनने के बारे में नहीं सोचता? क्या आप नहीं बनना चाहेंगे? हर कोई उसके बारे में सोचता है लेकिन सवाल उसकी सोच का नहीं, उसकी क्षमताओं का है। हाईकमान लेता है फैसला।’ सिंहदेव के इस बयान से सत्ता संघर्ष की तस्वीर कुछ-कुछ साफ होने लगी है।

दिल्ली पहुंचे 2 सांसद, 3 मंत्री और 32 विधायक – करीब 35 लोग वहां पहुंच गए हैं। शेष विधायक-मंत्री कल जाएंगे। कांग्रेस के दो सांसद भी इसमें शामिल हैं। बताया जा रहा है, बृहस्पत सिंह, देवेंद्र यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विनय भगत, प्रकाश नायक, किश्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, गुरुदयाल बंजारे, पुरुषोत्तम कंवर, कुंवर निषाद, चिंतामणि महाराज, भुनेश्वर बघेल, आशीष छाबड़ा, लक्ष्मी ध्रुव, रश्मि सिंह और शकुन्तला साहू दिल्ली रवाना हुए हैं। मंत्री अमरजीत भगत भी दिल्ली गए हैं।

दिग्विजय सिंह की भी भूमिका – बताया जा रहा है कि इस विवाद के समाधान में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी बड़ी भूमिका हो सकती है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व की मौजूदा पीढ़ी में अधिकतर लोग दिग्विजय सिंह के करीबी हैं। उनको प्रदेश की राजनीतिक समझ भी अधिक है। उनसे मिलकर समाधान की ओर ले जाने की कोशिश हो रही है।

हवाई अड्‌डे पर शक्ति प्रदर्शन – दो दिन के दिल्ली प्रवास से लौटे मुख्यमंत्री समर्थकों ने बुधवार को हवाई अड्‌डे पर शक्ति प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आलाकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है, अगर वे कहें तो यह पद त्याग दूंगा। इसमें कोई संशय नहीं है। उधर दिल्ली में जमे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी फैसला आलाकमान पर ही छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद टीएस सिंहदेव भी दिल्ली छोड़ने की तैयारी में थे। छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया ने उन्हें एक और दिन के लिए रोक लिया। रात को उनकी कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई है। टीएस सिंहदेव आज दिल्ली से लौट रहे हैं, लेकिन वे रायपुर आने की जगह भोपाल जाएंगे। सिंहदेव और उनकी टीम को संकेत मिले हैं, कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से समाधान पर चर्चा के लिए एक बार और बुलावा आएगा।

मुख्यमंत्री निवास पहुंचे विधायक – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खेमे के विधायक मुख्यमंत्री निवास पहुंचे, विधायक चंद्रदेव राय, बृहस्पत सिंह, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, विनय जायसवाल ,गुलाब कमरो, कुंवर निषाद, चिंतामणि महाराज, भुनेश्वर बघेल, गुरुदयाल बंजारे, पुरुषोत्तम कंवर, रश्मि सिंह आदि शामिल थे।

नारे के काउंटर में नारा – बुधवार को हवाई अड्‌डे पर भूपेश समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता एक नारा लगा रहे थे, छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल संग खड़ा हुआ है। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समर्थकों की ओर से लगाए जा रहे नारे, “छत्तीसगढ़ डोल रहा है, बाबा-बाबा बोल रहा है’ का काउंटर है।

ऐसे बढ़ता गया है विवाद – ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने के फार्मुले से विवाद बढ़ा है। सरकार ने जून महीने में ढाई साल पूरे किए। इसी के साथ मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। शुरुआत में इस संबंध में किसी सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साफ शब्दों में कहते रहे कि इस तरह का कोई फार्मुला मौजूद नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जरूर इस सवाल पर कहते थे कि मुख्यमंत्री बनाना हाईकमान का फैसला है। पिछले महीने पहली बार मुख्यमंत्री इस लाइन पर आए कि हाईकमान कहे तो अभी इस्तीफा दे दूंगा। 14 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, सेमीफाइनल में हम चार लोग थे। अभी तो दो ही खिलाड़ी बचे हैं।

बृहस्पत कांड के बाद भड़का विवाद – पिछले महीने विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाने के बाद विवाद ने तुल पकड़ लिया। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कई दिनों से दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं तक अपनी बात पहुंचा रहे थे।

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