Tuesday, April 22, 2025
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भूपेश बघेल के आवास पर ईडी का छापा, कांग्रेस ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध

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भिलाई/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर सोमवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह 7 बजे शुरू हुई और इसमें ईडी की टीम ने उनके बेटे चैतन्य बघेल के आवास सहित राज्य में 14 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली।

शराब घोटाले से जुड़ी है छापेमारी

ईडी की यह कार्रवाई कथित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें राज्य सरकार के राजस्व को भारी नुकसान हुआ। ईडी अब तक इस मामले में विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी ने चैतन्य बघेल के परिसरों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस का विरोध, भाजपा का पलटवार

ईडी की छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे केंद्र सरकार की “राजनीतिक प्रतिशोध” की कार्रवाई बताया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेरा ने कहा, “भाजपा विपक्षी नेताओं को डराने और दबाने के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है। यह एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसे जनता देख रही है।”

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “ईडी का छापा स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की मंशा को उजागर करता है। भाजपा लोकतंत्र की आवाज को कुचलना चाहती है, लेकिन कांग्रेस इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी।”

वहीं, भाजपा नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को साक्ष्यों पर आधारित बताया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “कांग्रेस हर बार यही आरोप लगाती है। अगर भूपेश बघेल की कोई भूमिका नहीं है, तो डरने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। घोटालों की जांच जरूरी है।”

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भिलाई में विरोध प्रदर्शन किया। वे नगाड़े बजाकर और नारेबाजी कर ईडी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और CRPF जवानों के बीच धक्का-मुक्की की भी खबर है।

रायपुर में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया, जिससे कुछ विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया।

ईडी की आगे की रणनीति

सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस मामले में जल्द ही कई अन्य लोगों से पूछताछ कर सकती है। जांच एजेंसी ने अब तक इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों और शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया है।

भूपेश बघेल ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर जनता के सामने अपनी बात रखेंगे।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार को लेकर 2019-2022 के बीच कथित रूप से एक बड़े घोटाले की बात सामने आई थी। आरोप है कि इस दौरान राज्य में शराब बिक्री से मिलने वाले राजस्व का एक बड़ा हिस्सा निजी हाथों में चला गया, जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। इस घोटाले में कथित तौर पर कई बड़े राजनेता, अधिकारी और शराब ठेकेदार शामिल हैं।

ईडी इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए जा चुके हैं। भूपेश बघेल और उनके करीबियों पर भी इसमें संलिप्त होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक हलचल और आगे की उम्मीदें

ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस इसे बदले की कार्रवाई बता रही है, तो भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बता रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और भी तीखी बयानबाजी देखने को मिल सकती है।

फिलहाल, छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में इस छापेमारी को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, और सभी की नजरें इस मामले की अगली कड़ी पर टिकी हुई हैं।

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