रायपुर, 23 अप्रैल। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य की भाजपा सरकार पर वन विभाग में हुए भ्रष्टाचार को दबाने और असली दोषियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र 2025 के दौरान इंदिरा निकुंज माना रोपणी से जुड़े एक सवाल के जवाब में सरकार द्वारा गलत जानकारी दी गई थी, जिसे स्वयं सदन में स्वीकार किया गया। इसके बावजूद अब तक की कार्रवाई महज दिखावा साबित हो रही है।
वर्मा ने कहा कि सरकार ने जांच के निर्देश तो दिए, लेकिन पीसीसीएफ की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर केवल रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड और लिपिक जैसे छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है, जबकि डीएफओ, एसडीओ और समिति गठित करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को बचाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस ‘कुंवारादेव समिति’ का अस्तित्व ही नहीं है, उसके नाम पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ और इसका पूरा हिसाब वन विभाग के मुख्यालय तक गया, फिर भी मुख्यालय के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की जा रही।
वर्मा ने मांग की कि इस मामले में विभागीय जांच के बजाय एफआईआर दर्ज कर उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों से वसूली कर उन्हें सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा का “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” का दावा महज एक जुमला साबित हो रहा है, क्योंकि सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ रहा है।